विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
पंजाब
2020-10-13 09:56:59

Advisory from IMD Bihar

धान- धान की फसल में जिंक की कमी देखी जाती जाती है तो खैरा रोग के नियंत्रण के लिए जिंक सल्फेट @ 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।  किसानों को अपने खेतों की नियमित रूप से निगरानी करने की सलाह दी जाती है, यदि धान के खेत में लीफ फोल्डर या स्टेम बोरर देखा जाता है तो प्रभावी नियंत्रण के लिए आकाश के स्पष्ट होने पर कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रतिशत दानों @ 25  किलोग्राम हेक्टेयर का छिड़काव करें। 

आलू- किसानों को सलाह दी जाती है कि आलू (किस्म-कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी अरुण), बरसीम (किस्म- बारदान 1, स्केबी इत्यादि), सूरजमुखी, लहसुन (किस्म- जमुना सफेद 2, जमुना सफेद 3,जमुना सफेद 5,जमुना सफेद 4 आदि) की बुबाई करें। बुबाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करना चाहिए।

गाय- पशुओं को प्रति दिन 50 से 60 ग्राम खनिज मिश्रण कृमि की दवा प्रदान करें और उन्हें छाया में रखें और फर्श ठीक से सूखा और साफ़ होना चाहिए।