विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS, Bihar Agriculture University
पंजाब
2020-09-04 15:17:09

Advisory from IMD Bihar

धान: किसानों को धान की फसल में हाथ से निराई करने की सलाह दी जाती है।यदि मज़दूर उपलब्ध नहीं हैं, तो रोपाई के 25-30 दिन बाद Bispyribac सोडियम @ 200-250 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर या Ethoxysulfuron 100 ग्राम 500-600 लीटर पानी में घोलकर चौड़ी पत्तियों और मोथा के नियंत्र्ण के लिए छिड़काव करें।

  • धान उत्पादकों को सुझाव दिया जाता है कि धान की फसल में 64 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से नाइट्रोजन की दूसरी खुराक का छिड़काव करें। यदि धान के खेत में जिंक की कमी देखी जाती है तो खैरा रोग के नियंत्र्ण के लिए जिंक सल्फेट @ 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 
  • किसानों को अपने खेतों की नियमित रूप से निगरानी करने की सलाह दी जाती है, यदि धान के खेत में लीफ फोल्डर या स्टेम बोरर देखा जाता है, तो प्रभावी नियंत्र्ण के लिए आकाश से स्पष्ट होने पर Cartap hydrocloride 4% दानों @ 25 किलोग्राम हेक्टेयर का छिड़काव करें। 

मक्का: किसानों को शुरूआती बोये गए बारिश के मौसम की मक्का में हाथ से निराई की सलाह दी जाती है। जब आसमान साफ़ होता है तो किसान खरपतवार के नियंत्र्ण के रूप में topramizon @ 40 ग्राम ए.आई. प्रति हेक्टेयर या Atrazine @ 1.5 किलोग्राम ए.आई. प्रति हेक्टेयर दर से छिड़काव कर सकते हैं। बेहतर विकास पर पैदावार के लिए खरीफ मक्का के खेत में 80 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर दर से मिट्टी में छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। यदि खेत में पौधों को काटने के कीट का हमला होता है तो कीटनाशक क्लोरपायरीफोस  @ 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी या furadon के 4-5 दाने मक्का के पौधे में छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। 

सब्ज़ियां: बैंगन, टमाटर, मिर्च, फूलगोभी और गोभी की रोपाई का सुझाव उन किसानों को दिया जाता है, जिनकी रोपाई तैयार होती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वह 10-15 टन गोबर की खाद डालें और खेत की अंतिम तैयारी से पहले 60 किलोग्राम Nitrogen, 50 किलोग्राम  Phosphorus और 40 किलोग्राम potassium प्रति हेक्टेयर भी छिड़काव करें। सब्जियों की फसल में निराई का सुझाव दिया जाता है।