विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था ICAR- Indian Agriculture Research Institute
पंजाब
2021-07-06 09:08:27

Advisory for Paddy farmers

धान- मानसून में देरी को ध्यान में रखते हुए सिंचाई के पानी की उचित व्यवस्था रखे।

  • धान की नर्सरी यदि 20-25 दिन की हो गई हो तो तैयार खेतों में धान की रोपाई शुरू करें।
  • पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर तथा पौध से पौध की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें।
  • उर्वरकों में 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, 40 किलोग्राम पोटाश और 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट/हेक्टेयर की दर से डाले, तथा नील हरित शैवाल एक पेकेट/एकड़ का प्रयोग उन्ही खेतों में करें जहाँ पानी खड़ा रहता हो, ताकि मृदा में नाइट्रोजन की मात्रा बढाई जा सकें।
  • धान के खेतों की मेड़ों को मजबूत बनाएं। जिस से आने वाले दिनों में वर्षा का ज्यादा से ज्यादा पानी खेतों में संचित हो सके।
  • धान की पौधशाला मे यदि पौधों का रंग पीला पड़ रहा है तो इसमे लौह तत्व की कमी हो सकती हैं।
  • पौधों की यदि ऊपरी पत्तियां पीली और नीचे की हरी हो तो यह लौह तत्व की कमी को दर्शाता है।
  • इसके लिए 0.5% फेरस सल्फेट+0.25% चूने के घोल का छिडकाव आसमान साफ होने पर करें।