द्वारा प्रकाशित किया गया था गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
पंजाब
2022-03-19 09:18:42
Advice related to the cultivation of wheat, paddy and sugarcane
गेहूं- फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
गुल्ली डंडा व जंगली जई आदि खरपतवारों को निकालकर नष्ट कर दें।
गेहूं में माहू का प्रकोप होने पर, Thiamethoxam 25 WG @ के 100 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर का या Imidacloprid 17.8 SL के 140 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
15 दिन पर दूसरा छिड़काव करें। छिड़काव सुबह या शाम उस समय करें जबकि बारिश या तेज़ हवा नहीं चल रही हो।
सरसों- राई की तैयार फसल की कटाई व मड़ाई करें तथा दानो को सुखकर भंडारित कर लें।
गन्ना- फरवरी माह में बोई गई फसल में सिंचाई करें तथा 3-4 दिन बाद गुड़ाई कर खरपतवार भी निकाल लें।
गन्ने की दो पंक्तियों के बीच में अन्तः फसलों के रुप में उर्द, मूंग अथवा लोबिया की एक लाईन की बुवाई की जा सकती है।
शरदकालीन गन्ने में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा संस्तुति अनुसार यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करें।