विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-09-03 14:02:50

Advice for Dairy and Poultry farming from experts of PAU

डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग के लिए सुझाव निम्नलिखित अनुसार हैं:

डेयरी फार्मिंग: स्वस्थ पशु ब्याने के 50-60 दिनों के बाद हीट में आ जाता है। ऐसे पशुओं को हीट की निशानियों के लिए ध्यान से देखें और आस करवाएं या कृत्रिम गर्भधान का टीका लगवाएं ताकि दो ब्यानों के बीच का फर्क कम किया जा सके। ब्याने के बाद पशुओं का भार कम होता है जिसके कारण हीट में देरी से आते हैं। इसलिए उन्हें संतुलित खुराक और उनकी देखभाल सही होनी चाहिए। कटडूयों -बछडूयों के बैठने की जगह सूखी रखें और समय पर मल्लप रहित टीकाकरण और सींग दागें। चिचड़ से बचाव के लिए (एक ग्राम/लीटर पानी) या बुटोक्स 0.2 प्रतिशत (2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या टॉकटिक (12.5 प्रतिशत) 0.2 प्रतिशत पशुओं और शेड के लिए स्प्रे करें। 6 महीने से छोटे कटडूयों के ऊपर स्प्रे ना करें। स्प्रे करने के समय कंपनी के निर्देश ज़रूर पढ़ें और पालना करें। मक्खियों के बचाव के लिए शेड और आस-पास सफाई रखें । सरा रोग से बचाव के लिए जल्दी से जल्दी डॉक्टर से सम्पर्क करें क्योंकि यह बीमारी मक्खियों से फैलती है। मक्खियों से बचाव के लिए स्प्रे करें। मल्लप से बचाने के लिए पशुओं को समय-समय पर मल्लप रहित करते रहना चाहिए। लेवे की सूजन/मीठे के रोग से बचाने के लिए थनों को 100 मिलीलीटर पॉवीडीन+ 20 मिलीलीटर ग्लिसरीन में डुबोते रहना चाहिए।

मुर्गी पालन: अंडों की पैदावार के लिए रौशनी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। मुर्गियों को 14-16 घंटे (दिन की रौशनी मिलाकर) रौशनी देनी चाहिए और शुरू होने के बाद यह रौशनी धीरे-धीरे बढ़ानी चाहिए। अंडे का छिलका पतला ना हो इसलिए पत्थर की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। सप्ताह में सूखे भूसे को 2-3 बार हिलाना चाहिए ताकि जगह सूखी रहे। मीट वाले चूज़े पालने के लिए यह बढ़िया मौसम है। किसी भरोसेयोग्य हैचरी से चूज़े बुक करवाएं, चूहों को शेड में आने से रोकने के लिए प्रयास करें ताकि खुराक के नुकसान की रोकथाम की जा सके।