
द्वारा प्रकाशित किया गया था PAU, Ludhiana
पंजाब
2020-09-26 15:07:36

चारे वाली मक्की को फाल आर्मीवर्म कीट से बचायें-
- पंजाब में मक्की पर फाल आर्मीवर्म कीट का हमला मध्य जून से लगातार देखा जा रहा है। यह कीट गिनती में बहुत तेजी से बढ़ता है और लगभग एक महीने में दूसरी पीड़ी आ जाती है। अब तक सही समय पर बीजी गयी दानों की फसल पर इस का हमला कम हो चूका है।
- आने वाले दिनों में चारे वाली खास तोर से पिछेती बीजी गयी मक्की पर इस कीट के हमले की संभावना है।
- सितंबर-अक्टूबर महीने में इस कीट के विस्तार के लिए अनुकूल है।
- किसान भाई पिछेती बीजी गयी चारे वाली मक्की के खेतों में लगातार सर्वेक्षण करते रहें और हमला नज़र आने पर रोकथाम के बढ़ियां उपाय करें।
- खेतों में सर्वेक्षण करते समय कीड़े के अंडों के झुण्ड और छोटी सुंडीयां को खत्म करते रहें, अंडों के झुंड लू से ढके होते हैं और पत्तों पर आसानी से दिखाई दे जाते है। सुंडी की पहचान पिछले सिरे से चौकोर के चार बिंदुओं और सिर के ऊपर सफेद रंग के अंग्रेज़ी के 'Y' शब्द के उलटे चिन्ह से की जाती है।
- हमले की शुरुआत में, छोटी सुंडियां पत्ते की सतह को खुरच कर खा जाती है। जिसकी वजह से पत्तियों पर लंबे आकार के कागज़ के निशान बन जाते हैं, शुरूआती हमले की रोकथाम आसानी से हो जाती है और बाद में बड़ी सुंडी की रोकथाम करने में मुश्किल होती है।बड़ी सुंडियां नुक्सान भी अधिक करती है।पत्तों के ऊपर गोल या अंडाकार शेद और गोभ में बीठ इसके हमले के संकेत है।
- अगर हमला ज्यादा हो तो 0.4 मिलीलीटर कोराजन 18.5 एस सी को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। २० दिनों तक की फसल के लिए 120 लीटर घोल और इससे भी बड़ी हुई फसल पर घोल की मात्रा 200 लीटर प्रति एकड़ तक बढ़ायें।
- छिड़काव करने वक़्त स्प्रे पंप की नोज़ल की दिशा मक्की की गोभी की तरफ रखें।
- छिड़काव करने के उपरंत चारे वाली फसल 21 दिनों तक प्रयोग में न लाएं।
- पंजाब में मक्की पर फाल आर्मीवर्म कीट का हमला मध्य जून से लगातार देखा जा रहा है। यह कीट गिनती में बहुत तेजी से बढ़ता है और लगभग एक महीने में दूसरी पीड़ी आ जाती है। अब तक सही समय पर बीजी गयी दानों की फसल पर इस का हमला कम हो चूका है।
- आने वाले दिनों में चारे वाली खास तोर से पिछेती बीजी गयी मक्की पर इस कीट के हमले की संभावना है।
- सितंबर-अक्टूबर महीने में इस कीट के विस्तार के लिए अनुकूल है।
- किसान भाई पिछेती बीजी गयी चारे वाली मक्की के खेतों में लगातार सर्वेक्षण करते रहें और हमला नज़र आने पर रोकथाम के बढ़ियां उपाय करें।
- खेतों में सर्वेक्षण करते समय कीड़े के अंडों के झुण्ड और छोटी सुंडीयां को खत्म करते रहें, अंडों के झुंड लू से ढके होते हैं और पत्तों पर आसानी से दिखाई दे जाते है। सुंडी की पहचान पिछले सिरे से चौकोर के चार बिंदुओं और सिर के ऊपर सफेद रंग के अंग्रेज़ी के 'Y' शब्द के उलटे चिन्ह से की जाती है।
- हमले की शुरुआत में, छोटी सुंडियां पत्ते की सतह को खुरच कर खा जाती है। जिसकी वजह से पत्तियों पर लंबे आकार के कागज़ के निशान बन जाते हैं, शुरूआती हमले की रोकथाम आसानी से हो जाती है और बाद में बड़ी सुंडी की रोकथाम करने में मुश्किल होती है।बड़ी सुंडियां नुक्सान भी अधिक करती है।पत्तों के ऊपर गोल या अंडाकार शेद और गोभ में बीठ इसके हमले के संकेत है।
- अगर हमला ज्यादा हो तो 0.4 मिलीलीटर कोराजन 18.5 एस सी को प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। २० दिनों तक की फसल के लिए 120 लीटर घोल और इससे भी बड़ी हुई फसल पर घोल की मात्रा 200 लीटर प्रति एकड़ तक बढ़ायें।
- छिड़काव करने वक़्त स्प्रे पंप की नोज़ल की दिशा मक्की की गोभी की तरफ रखें।
- छिड़काव करने के उपरंत चारे वाली फसल 21 दिनों तक प्रयोग में न लाएं।
माहिर कमेटी
हम आपके व्यक्तिगत विवरण किसी के साथ साझा नहीं करते हैं।
हम आपके व्यक्तिगत विवरण किसी के साथ साझा नहीं करते हैं।
साइन इन
इस वेबसाइट पर पंजीकरण करते हुए, आप हमारी उपयोग की शर्तें और हमारी गोपनीयता नीति स्वीकार करते हैं।
आपका उपयोगकर्ता मोबाइल नंबर और पासवर्ड अमान्य है
हमने आपका पासवर्ड आपके मोबाइल नंबर पर भेजा है
तारांकन (*) के साथ चिह्नित सभी फ़ील्ड आवश्यक हैं:
साइन अप करें
इस वेबसाइट पर पंजीकरण करते हुए, आप हमारी उपयोग की शर्तें और हमारी गोपनीयता नीति स्वीकार करते हैं।
तारांकन (*) के साथ चिह्नित सभी फ़ील्ड आवश्यक हैं:
कृपया कम से कम एक विकल्प का चयन करें
छवि के साथ पाठ का चयन करें