विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Department of Crop Science, KCP, Patiala, Department of Geology, MGC, Fatehgarh Sahib
पंजाब
2020-08-31 16:42:17

शिमला मिर्च की खेती- शिमला मिर्च की 3.5 से 6.5 मीटर ऊंचे पॉलीहाउस में खेती नीचे बताये गए तरीकों के अनुसार करें-

किस्में- यह किस्में PAU के माहिरों की तरफ से सिफारिश की गई हैं-

  • हरे रंग की शिमला मिर्च के हाईब्रिड- "भारत" और "इंद्रा"। इनकी खेती पॉलीहाउस और कुदरती हाउस दोनों में की जा सकती है।
  • पीले रंग की खेती "ओरोबैली" और लाल शिमला मिर्च "बोंबी"- इन्हें कुदरती हवादार पॉलीहाउस में लगाने की सिफ़ारिश की गई है।

बीज उपचार- पनीरी लगाने से पहले बीज को 3 ग्राम कपटान प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचार करें।

खाद का प्रयोग- पहले वर्ष में 80 टन खाद, 100 किलोग्राम डायमोनियम फॉस्फेट और 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट लगाकर मिट्टी तैयार करें। अगले साल, पारंपरिक खाद की मात्रा को 20 टन प्रति एकड़ तक घटाया जाना चाहिए।

बेड बनाना- पॉलीहाउस के चारों तरफ एक फ़ीट की जगह छोड़कर, आधा मीटर के लिए जगह छोड़ते हुए, एक मीटर चौड़ा और आधा फ़ीट ऊंचा बेड बनाएं। बेड के किनारे को बीच से किनारों की ओर न करें।

पनीरी लगाने का समय- 35-40 दिन पुरानी पनीरी सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में खोद के लगा देनी चाहिए। पनीरी को सुबह या शाम को 2.0-2.5 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाएं।

फ़ासला- पनीरी को बेड के ऊपर पंक्तियों में रखें। पौधे लगाने के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 1.5 फीट रखें। एक पंक्ति में दूसरी पंक्ति के पौधों का एक त्रिकोण बोना। एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति में 150 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

तुपका सिंचाई- लेटरल पाइप, जिसके ड्रिपर के बीच में एक फ़ीट का फ़ासला हो और ड्रिपर की जल निकासी क्षमता 2.25 लीटर प्रति घंटे हो, प्रति बेड के हिसाब से एक कतार जोड़े में फैला दें। पहले 15 दिनों में खुला पानी लगाएं और उसके बाद नीचे बताई गई तालिका के अनुसार लगायें। 

रोज़ाना तुपका सिंचाई को चलाने का समय (मिनटों में) 

महीना

समय

सितंबर

21

अक्टूबर

19

नवंबर

11

दिसंबर

8

जनवरी

8

फरवरी

13

मार्च

21

अप्रैल

43

मई

53

जून

48

तुपका सिंचाई के ज़रिये खाद- यह खाद पनीरी लगाने के 15 दिन के बाद शुरू करें और फसल खत्म होने के एक महीना पहले बंद कर दें।

खाद डालने का समय

पानी में घुलनषील खाद (NPK)

रोज़ाना की मात्रा (लीटर प्रति एकड़)

पहले15दिन

12:61:0

19:19:19

2

2

अगले 30 दिन

13:40:13

19:19:19

1

1

अगले 30 दिन फूल और फल का समय)

13:5:26

4

अगले 90 से 180 दिन

13:5:26

0:0:50

कैल्शियम नाइट्रेट

मैग्नीशियम नाइट्रेट

2

1

1

0.5

पौधों की देखभाल-

कटाई छंटाई- पनीरी लगाने के बाद पौधों की कटाई छंटाई शुरू हो जाती है। पहले महीने में, पौधे से फूलों को हिलाएं। हर सप्ताह में साथ वाली टहनियों को काटते रहें।दो स्टील की तारों को हर एक बेड की लम्बाई के अनुसार पॉलीहाउस के गटर के बराबर की पाइप के ऊपर से पास करें। फिर हर एक पौधे की चार टहनियों को नीले यां हरे रंग की प्लास्टिक की रस्सी के साथ ऊपर स्टील की तार के साथ बांध दें। एक पौधे की दो टहनियां एक तार के साथ और दो टहनियां दूसरी तार के साथ बांधें। इससे पौधे खुल जाएंगे और हवा का वेग भी सही रहेगा।

सूक्षम तत्व और ग्रोथ रेगुलेटर का स्प्रे-

यदि ढांचा 6.5 मीटर ऊंची है, तो माइक्रोसॉल्बी (सूक्षम तत्व) को 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी और स्पिक साइटोज़ाइम (ग्रोथ रेगुलेटर) 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में डालने के बाद प्रत्येक पखवाड़े स्प्रे करें और पनीरी लगाने के ढाई महीने के बाद, लिहोसिन/साइकोसेल (क्लोरमैकुएटक क्लोराइड) को 3 ग्राम प्रति लीटर पानी और प्लानोफिक्स को 0.25 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर, माइक्रोसोल और स्पिकसाइटोज़ाइम में मिलाकर प्रत्येक पखवाड़े में स्प्रे करें।

यदि ढांचा 3 मीटर ऊँचा है, तो लिहोसिन को शुरुआत से ही माइक्रोसोल और स्पिक साइटोज़ाइम के साथ मिलाकर स्प्रे करें जब केपलेनोफिक्स का स्प्रे ढाई महीने के बाद ही शुरू करें।

दीवार और छत के प्लास्टिक पर्दो को खोलना और बंद करना- सर्दियों में शाम को छत और दीवारों के प्लास्टिक पर्दों को बंद कर दें। यदि बहुत ज्यादा सर्दी हो तो भी पर्दों को 2-3 घंटे के लिए दिन में जरूर उठा दें ताकि हवा का आदान-प्रदान हो सके।

तुड़ाई- हरे रंग की शिमला मिर्च का भार जब 60 ग्राम से और लाल और पीली मिर्च का भार 100 ग्राम से ऊपर हो जाए तो उसकी तुड़ाई करें। सितंबर महीने में लगाई हुई शिमला मिर्च से ज्यादा पैदावार प्राप्त होती है।

पैदावार- शिमला मिर्च की पैदावार ढांचे की उचाई, पानी देने के तरीके और पनीरी लगाने का समय और पॉलीशीट के प्रयोग पर निर्भर करता है।  सितंबर की लगाई हुई पनीरी से हरे रंग कैद इंद्रा हाईब्रिड का 6.5 मीटर और 3.0 मीटर ढांचे के नीचे 580 और 440 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार क्र्मवार प्राप्त होती है। ओरोबैली (पीली शिमला मिर्च) का 315 और 162 बोंबी (लाल शिमला मिर्च) का 322 और 167 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार 6.5 मीटर और 3.0 मीटर ऊंची ढांचे के तहत क्र्मवार प्राप्त किया गया।