विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Sohan Singh Kesarwalia
पंजाब
2020-09-01 18:37:19

जिस तरह एक ज्वालामुखी विस्फोट से पृथ्वी पर बनी इमारतें नष्ट हो जाती हैं और कई कीमती खनिज बाहर निकल जाते हैं, उसी तरह कोरोना महामारी ने इतनी उथल-पुथल मचाई है कि एक बार तो दुनियां फिर से थम सी गयी जापती है। कारोबार चौपट हो गए, लोग घरों में कैद हो गए, मज़दूर खाने को तरस गए। दूसरी ओर फ़ालतू यातायात, फजूल भीड़, फजूल ख़र्च, प्रदूषण जैसे लक्षणों पर भी रोक लगाई गयी। कोरोना काल के शुरुआती दिनों में जहाँ लोगों ने खाना पकाने के सफल और असफल तज़ुर्बा किया वहां एक ओर रुझान देखने को मिला, वो है घरेलू बगीची में सब्जियां उगाने का। मेरी अपनी रूचि एस तरफ होने के कारण मैंने लोगों के अंदर यह रुझान जनून के स्तर तक देखा, जिन्होंने कभी गमले में एक पौधा नहीं उगाया। इस समय के दौरान उन्होंने सब्जियों आदि की बुवाई करने से पीछे नहीं हटे।जिसने कभी गमले में पौधा नहीं उगाया था। इस दौरान वह सब्जियों आदि की बुवाई करने से पीछे नहीं हटे।

सब्जियां उगाने का चलन जारी रहे तो अच्छा होगा। लोगों को ताजी सब्जियां मिले, घरेलू खर्च कम होंगे, समय का बढ़िया प्रयोग हो, हाथ से काम करने का रुझान बढ़े। इसके बारे में पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी और बागवानी विभाग को भी गंभीरता से सोचने की जरूरत है।गर्मियों की सब्जियों की संख्या कम थी। ज्यादातर बेल वाली सब्जियां, भिंडी, लोबिया आदि को केवल हाथ से ही पानी डालना था, पर सर्दियों की सब्जियां भले ही आसानी से पैदा हो जाती है, पर इनको उगाने के लिए तकनीकी जानकारी की बहुत जरूरत होती है। सर्दी ऋतू की सब्जियों को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक श्रेणी में आती सब्जियां भी विभिन्न प्रकार की होती हैं और इसके लिए अलग-अलग तरीके हैं, उदाहरण के तौरपर जड़ वाली सब्जियां (गाजर, मूली, शलगम  चुकंदर आदि), पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, धनिया, सरसों, तोरी, गोभी, आदि), फलदार सब्जियां (टमाटर, बैंगन आदि), तने वाली सब्जियां (प्याज, लहसुन, आलू आदि) और अन्य फूलगोभी, ब्रोकली, गोभी आदि।

 सबसे पहली बात मियारी बीज की है। पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी और बागवानी विभाग के पास निश्चित रूप से सितंबर किसान मेले के लिए तैयार बीज होगा क्योंकि इन फसलों की बिजाई कोरोना संकट से पहले की गई होगी। यदि स्थिति में सुधार होता है तो कोई समस्या नहीं है पर यदि किसान मेला नहीं लगता तो इन संसथानों को सब्जी की किट सबसे आसान तरीके से आम जनता तक पहुंचानी चाहिए। इसके साथ ही तकनीकी पक्ष से अलग भी विस्तार से बताने बनते हैं।जैसे जड़ वाली सब्जियों को ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए, गोभी की बिजाई का सही समय अभी चल रहा है, साग के लिए तोरिया अगेती और सरसों को पिछेता लगाया जाता है। पत्तेदार सब्ज़ियां में से पालक अगेती, मेथी मध्य में और धनिया ज्यादा गर्म मौसम में उगता ही नहीं। मेथे घने बीजने के कारण गलन रोग का शिकार हो जाते हैं, टमाटर की कई फसलें ली जाती है आदि।

अनुकूल समय

टमाटर की मुख्य फसल की पनीरी की अक्तूबर-नवंबर में बिजाई करके और नवंबर-दिसंबर में लगाई जाती है। बरसात ऋतु के लिए पनीरी जुलाई के दूसरे पखवाड़े में बोई जाती है और अगस्त के दूसरे पखवाड़े में पुटाई करके लगाई जाती है। पॉलीहाउस में मुख्य फसल के लिए नवंबर का पहला सप्ताह पनीरी की बिजाई के लिए उपयुक्त होता है और नवंबर के अंत में पुटाई करके लगाई जाती है। पॉलीहाउस में बसंत ऋतु की फसल के नवंबर के अंतिम सप्ताह में बीज की बिजाई की जाती है और पनीरी मध्य फरवरी में बोया जाता है। सर्दियों की फसलों को सूखे से बचाने के लिए शोरे की आवश्यकता होती है। बैंगन की सर्दी ऋतु वाली फसल की पनीरी की पुटाई करके अगस्त और नवंबर महीने में कियारी में लगाई जाती है। ज्यादातर सब्जियां मेड पर उगाई जाती हैं। यह मेड़ें पूर्व-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। इससे सूरज की रोशनी बीज को उगने में मददगार साबित होती है।

घरेलू बगीची में सब्जियां उगाने के लिए लोग पीएयू की वेबसाइट  और किसान पोर्टल से भी जानकारी ले सकते हैं और "सब्जियों की खेती" नाम की पुस्तक भी डाउनलोड कर सकते हैं।

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