द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
पंजाब
2020-11-17 12:11:55
फसलों से संबंधित परामर्श-
धान की कटनी तथा दौनी के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा करने का प्रयास करें।विगत माह बोयी गई मटर, राजमा, लहसून ,एवं सब्जियों वाली फसलें-ं बैंगन, टमाटर, मिर्च, पत्ता गोभी एवं फूल गोभी में निकाई गुराई तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।सब्जियों में कीट-व्याधी की निगरानी करें।प्याज की श्वस्थ पौध के लिए पौधशाला से प्रत्येक 10 से 12 दिनों के अन्तराल में खरपतवार निकाल कर हल्की सिंचाई करें।
गेहूँ की बुआई के लिए, तापमान तथा अन्य मौसमीय परिस्थितियाँ अनुकूल है। किसान भाई अब सिंचित एवं समयकालीन गेहूँ की किस्मों की बुआई शुरू कर सकते है। खेत की तैयारी के समय 150-200 क्विटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम फाॅसफोरस एवं 40 किलोग्राम पोटाष प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें।बुआई हेतु PBW-343, PBW-443, CBW-38, DBW-39, HD-2733, HD-2824, K-9107, K-307,HD-206, एवं HUW-468 किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंषित है।बीज को बुबाई से पहले 2.5 ग्राम बेबीस्टीन की दर से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें।छिड़काव विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 किलोग्राम तथा सीड ड्रिल से पंक्ति में बुआई के लिए 100 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें।
रबी मक्का की बुआई प्राथमिकता से करे ।इसके लिए, संकर किस्में शक्तिमान 1 सफेद, शक्तिमान 2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान 4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा 11 नारंगी पीला, राजेन्द्र संकर मक्का 1, राजेन्द्र संकर मक्का 2 एवं राजेन्द्र संकर मक्का दीप ज्वाला तथा संकुल किस्में- देवकी सफेद, ल{मी सफेद एवं सुआन पीला इस क्षेत्र के लिए अनुशंषित है।खेत की जुताई में 100-150 क्विंटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 75 किलोग्राम फास्फोरस एवं 50 किलोग्राम पोटाष प्रति हेक्टर की दर से व्यवहार करें।बीज दर 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा दूरी 60 ग 20 सेंटीमीटर रखें।
पिछेती धान की कटाई कर राई की पिछेती किस्में राजेन्द्र अनुकूल, राजेन्द्र सुफलाम एवं राजेन्द्र राई पिछेती की बुआई कर सकते है। राई-तोरी-सरसों की फसल जो 15 से 20 दिनों की हो गयी है उसमें निकौनी तथा बछनी कर पौधे से पौधे की दुरी 12-15 सेंटीमीटर रखें।