द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2022-08-27 13:27:15
यह बीमारियां बरसात के मौसम में अधिक होती हैं और इसके परिणामस्वरूप सितंबर से नवंबर तक कई बेल सूख जाती है।
अंगूर की टहनियां सूखने का रोग/पत्तों के धब्बे
इस बीमारी के साथ लाल, भूरे से काले रंग के गोल धब्बे पत्तों, टहनियों और अंगूर के गुच्छे पर दिखाई देते हैं।टहनियों के अंदर गाढ़े भूरे रंग के निशान पड़ जाते हैं, जिसके कारण टहनियां पीछे से खराब होनी शुरू हो जाती है। पत्तों के धब्बों के बीच का हिस्सा गिर जाता है, जिसके कारण पत्तों पर छेद दिखाई देते हैं।
रोगी टहनियों पर लगे उल्ली के कण बीमारी के फैलाव के लिए सहायक होते हैं।
पत्तों के पीले धब्बे का रोग
पत्तों के ऊपरी भाग पर हल्के पीले तेल की तरह धब्बे दिखाई देते हैं, पत्तों के नीचे की तरफ सफेद रंग की उल्ली दिखाई देती है।
बीमारी वाले पत्ते पर छोटे छोटे धब्बे बन जाते हैं, बाद में यह धब्बे भूरे रंग के भुरभुरे हो जाते हैं। पत्ते समय से पहले झड़ जाते हैं। यदि वातावरण बहुत अनुकूल हो तो उल्ली सभी पत्तों को ढक देती है।
रोकथाम
बगीचों को साफ-सुथरा रखकर बीमारियों को प्रभावी ढंग से रोकें।
बरसात के मौसम में अंगूरों पर इन रोगों के हमले को कम करने के लिए विशेष ध्यान रखें, इसलिए मार्च, मई और जुलाई के महीनों में बोर्डो मिश्रण (2:2:250) का छिड़काव 500 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से करते रहें।
इसके बाद अगस्त के अंत और सितंबर के अंत में बोर्डो मिश्रण (2:2:250) को 500 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर स्प्रे करें।
सितंबर के मध्य में स्कोर 25 ई.सी. 500 मिलीलीटर, 500 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।