तने की गुलाबी सुंडी के हमले वाले धान के खेतों में गेहूं की अगेती बुबाई से बचें-
पी ऐ यू, लुधियाना के विशेषज्ञ की तरफ से वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, संगरूर और बरनाला जिलों के कुछ खेतों में धान की फसल ऊपर तने की गुलाबी सुंडी का हमला देखने को मिला है।
तने की गुलाबी सुंडी सितंबर से अक्टूबर के महीने में धान की फसल का नुक्सान करती है।
यह सुंडी धान के पौधों के तनों में छेद कर अंदर चली जाती है और अंदर से खाती है, पौधे की गोभ सूख जाती है और अंत में पौधे मर जाते है।
पी ऐ यू के माहिरों की तरफ से किसानों को सलाह दी जाती है कि वह अपने खेतों का लगातार सर्वेक्षण करते रहे क्योंकि उनके खेती में जहाँ वह धान की लंबा समय लेने वाली किस्में जैसे कि पूसा-44, पीली पूसा आदि की बुबाई की गई है।
तने की गुलाबी सुंडी का अगली बीजी जाने वाली गेहूं की फसल पर भी नुकसान कर सकती है। माहिरों ने किसानों को सुझाव देते हुए बोला है कि वह ऐसे खेतों में गेहूं की अगेती बुबाई करने से बचें जहाँ धान की फसल के ऊपर गुलाबी सुंडी का हमला ज्यादा हो।
जहाँ पर धान के खेतों में तने की गुलाबी सुंडी का हमला देखने को नहीं मिलता, वहां गेहूं की फसल की बुबाई 25 अक्टूबर के बाद शुरू की जा सकती है जब अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और कम से कम तापमान 16 डिग्री से कम हो जाता है।
15 अक्टूबर के नज़दीक जल्दी बीजी गई गेहूं की फसल में उच्च तापमान के कारण बढ़िया अंकुरण नहीं होगा और माहिरों के अनुसार इस से झाड़ के ऊपर असर पड़ सकता है।