सब्ज़ियां- फसलों व सब्ज़ियों में दीमक का प्रकोप होने की संभावना रहती है उपचार हेतु तो क्लोरोपाइरीफाँस 20 ई सी @ 4.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें फसलों व सब्ज़ियों में निराई गुड़ाई का कार्य करें। प्रकाश जाल बनाने के लिए, एक बल्ब को एक गिलास (या तो प्लास्टिक या टिन) के ऊपर तय किया जाना चाहिए जिसमें पानी और मिट्टी के तेल की कुछ बूंदें हो। कीड़ें प्रकाश की ओर आकर्षित होते है, पानी और मिट्टी के तेल में गिर जाते है और मर जाते है। सब्जियों में इंटरकल्चरल ऑप्रेशन से खरपतवारों को हटाने की सलाह दी जाती है। 15 से 25 दिनों की पुरानी फसल में उर्वरक की शेष खुराक का आवेदन बारिश के बाद किया जाना चाहिए।
टमाटर- सब्जियों में फल छेदक, शीर्ष छेदक एवं फूलगोभी व पत्तागोभी में डायमंड बेक मोथ की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंच @ 3 से 4 प्रति एकड़ लगाएं तथा प्रकोप अधिक दिखाई दे तो स्पेनोसेड दवाई 1.0 प्रति 4 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ़ होने पर करें। फ्रूट बोरर की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप @ 2 से 3 ट्राप प्रति एकड़ फसल की स्थापना की सलाह दी जाती है। मिर्च के खेत में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। मिर्च के खेत में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। उसके उपरांत अनुमोदित दवाई का इमिडाक्लोप्रिड @ 0.3 मिलीलीटर की दर से छिड़काव करें।
मटर- मटर की बुबाई कर सकते है। बीजों की कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर उपचार करें उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगायें। गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर ले और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दे तथा अगले दिन बुबाई करें।प्रदेश में निचले क्षेत्रों में जड़दार सब्जियों जैसे मूली, सलगम, गाजर पालक की सुधरी प्रजातियां की बिजाई करें। जड़दार सब्जियों जैसे मूली, सलगम, गाजर पालक की सुधरी प्रजातियां की निराई, गुड़ाई करें।
अन्य सब्जियां-
हरी प्याज की पौध की रोपाई उथली क्यारियों पर करें। पौधशाला को भी उधाली क्यारियों में लगाएं।
सरसों का साग पालक तथा धनिया लगाने का समय आ रहा है।