अगर आपके जीवन में किसी भी तरह से कलह आ गई है, किसी भी तरह से दुखों में बढ़ोतरी हुई है तो आप अपने घर के आंगन में ये 6 तरह के फूलों को लगाकर अपने घर के आंगने को आसानी से महकाएं. आप अपने घर में ताजा फूलों को कहीं पर भी किसी भी स्थान पर रख सकते है. इससे मन और मस्तिष्क शांत रहेगा. इससे प्रसन्नता और हंसी होती है. ऐसे में यह पौधें आपके लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है जो कि आपके घर की सजावट को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होते है. तो आइए जानते है वह कौन-कौन से फूल है जो कि महत्वपूर्ण है-
चंपा
चंपा एक ऐसा फूल है जो कि घर के लिए महत्वपूर्ण होता है. इसे अंग्रेजी में प्लूमेरिया कहते है. चंपा के खुबसूरत, मंद, सुंगधित हल्के फूल, पीले फूल को अक्सर पूजा में उपयोग किया जाता है. चंपा का वृक्ष परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है. इन वृक्षों का उपयोग घर, पार्क, पार्किग स्थल और सजावटी पौधों के लिए किया जाता है. इसमें पराग नहीं होता है जिस कारण इस पर मधुमक्खियां नहीं बैठती है.
पारिजात फूल
पारिजात के फूलों को हर सिंगार का फूल कहा जाता है. अंग्रेजी में इसको गुलजाफरी कहते है. यह फूल आपके जीवन में तनाव को हटाकर खुशियों को लाने में सहायक होते है. ये अदभुत फूल केवल रातों में ही खिलते है और फिर सुबह होते ही मुरझा जाते है. इन फूलों को कई तरह की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. यह घर आंगन के लिए फायदेमंद होते है.
रातरानी के फूल
रातरानी के फूलों को चांदनी के फूल भी कहते है. इसकी खास बात है कि यह एकदम मस्त खुशबू को बिखेरने का कार्य करती है. इनकी खुशबू काफी दूर तक जाती है. इसके फूल छोटे-छोटे गुच्छे में आते है और रात होने पर खिलती है. रातरानी के फूल साल में पांच से छह बार खिलते है. यह ऐसी महक देती है जिसे सूंघकर लोग जहां रहते है वहीं पर रूक जाते है. रातरानी और चमेली के फूलों से इत्र भी बनता है.
रजनी गंधा
रजनीगंधा का पौधा पूरे भारत में ही पाया जाता है. मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सिंतबर और पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सितंबर के बीच खिलते है. इसकी कुल तीन किस्में पाई जाती है. इसका प्रयोग गुलदस्ता और माला को बनाने में किया जाता है. इसका प्रयोग डंडियों के सजावट के तौर पर किया जाता है. इसके फूलों का सुगंधित तेल व इत्र भी बनता है.