मछली पालकों के लिए मछलियों को बीमारी से बचाने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें
मछलियों में बीमारी बहुत जल्दी, एक मछली से दूसरी मछलियों तक पहुंचती है। मछलियों को बीमारियों से बचाने के लिए यदि लगातार कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख लिया जाये तो तालाब की एक भी मछली बीमार नहीं होती और कोई ज्यादा खर्चा भी नहीं करना पड़ता।
• मछलियों के लिए पानी के भौतिक और रासायनिक तत्वों को अनुकूल रखें।
• तालाब में मछलियां डालने से पहले और बाद में भी चूने (50 से 100 किलो प्रति एकड़) या ब्लीचिंग पाउडर (100 से 150 किलो प्रति एकड़) या फिर लाल दवाई (1-2 किलो प्रति एकड़) का प्रयोग करें।
• हर 4-5 वर्ष बाद तालाब को सुखाकर जोताई कर लें।
• तालाब में पानी का स्तर 4-5 फीट रखें।
• पानी का पी एच 7.5-9.5 के बीच और ऑक्सीजन की मात्रा 5 मि. ग्राम प्रति लीटर से अधिक रखें।
• भरोसेमंद स्त्रोत से अच्छी क्वालिटी का पूंग तालाब में 4000-5000 प्रति एकड़ की दर से डालें।
• जाल लगाने के दौरान या एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के समय मछली को जख्मी होने से बचाएं।
• यदि कोई भी मछली ज्यादा बीमार लगे तो उसे तुरंत तालाब में से बाहर निकाल दें।
• तालाब में प्रयोग किए जाने वाले जाल और अन्य सामान जैसे कि टब और बाल्टियों को प्रयोग करने के बाद से दवाई से धोकर रखें।
• बीमारी की सूरत में तालाब में ताजा पानी डालें। खाद और खुराक का प्रयोग बंद कर दें।
• ज्यादा बीमारी के इलाज की जरूरत पड़े तो मछली माहिर की सलाह ज़रूर लें