
बीटी कपास उगायें अधिक उत्पादन पाएं

कपास की मुख्य प्रजातियां गोसिपियम हिर्सुटम, गोसिपियम बारबेडेंसएगोसिपियम आर्बोरियम व गोसिपियम हर्बेसियम हैं। कपास की इन मुख्य प्रजातियों में चयन व परंपरागत प्रजनन विधियों के उपयोज के द्वारा विभिन्न उच्च उत्पादन क्षमता युक्त किस्मों का विकास किया गया परन्तु जलवायु की बदलती दशाओं तथा कीट व रोगों के अधिक प्रभाव ने इस महत्वपूर्ण रेशे वाली फसल के उत्पादन को सीमित कर दिया।
इसमें आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु कृषि वैज्ञानिकों ने अनुवांशिकी अभियांत्रिकी की सहायता से कपास में बी.टी. (बेसिलस थ्यूरेजिनेसिस) जीवाणु जो कीटों में रोग फैलाता है, से जीन प्रवेश कराकर अनुवांशिकी संशोधित कपास उत्पादित कर एक नयी परिकल्पना को साकार किया। अनुवांंशिकी संशोधित कपास में बी.टी. जीन के प्रभाव से एक क्राई समूह का जीव विष उत्पादित होता है जिसके प्रभाव से कीट द्वारा कपास के पौधे पर आक्रमण करने पर उसकी मृत्यु हो जाती है। यह विष मुख्य रूप से अपना प्रभाव पतंगों तथा तितली की इल्लियों पर दिखाता है।
अत: बी.टी. कॉटन के उपयोग द्वारा बेहतर कीट नियंत्रण तथा रसायनों के उपयोग को सीमित कर कपास के उत्पादन को शीर्ष स्तर तक ले जाया जा सकता है तथा साथ ही रसायनों के दुष्प्रभाव से मृदा तथा मनुष्य के स्वास्थ्य पर हो रहे दुष्परिणामों से भी निजात पाया जा सकता है।
उन्नत किस्में
एनईसीएच-6
- यह चित्तीदार सुंडी, अमेरिकन सुंडी एवं गुलाबी सुंडी के प्रति अवरोधी बीटी संकर किस्म है।
- औसत वजन 3-3.15 ग्राम है।
- इसकी औसत उपज 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
- इसके रेशों की औसत लम्बाई लगभग 25 मिमी. होती है।
एमआरसीएच-6304 बीजी-1
- यह एक अधिक उपज देने वाली अमेरिकन कपास की बीटी संकर किस्म है।
- यह चित्तीदार सुंडी, अमेरिकन सुंडी एवं गुलाबी सुंडी के प्रति अवरोधी है।
- यह 165-170 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
- इसकी औसत पैदावार लगभग 25 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर होती है।
एमआरसीएच-6025
- चित्तीदार सुंडी, अमेरिकन सुंडी एवं गुलाबी सुंडी के प्रति अवरोधी।
- यह अपेक्षाकृत जल्दी 160-165 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
- इस किस्म की औसत पैदावार लगभग 25-27 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर होती है।
- इसमें रेशे की लम्बाई 28.4 मिमी एवं औटाई 34.7 प्रतिशत होती है।
बायोसीड 6588 बीजी-2
- यह चितकबरी सुंडी, अमेरिकन सुंडी, गुलाबी सुंडी एवं तम्बाकू वाली सुंडी के प्रति अवरोधी है।
- इसके पौधे की ऊँचाई 150-175 से.मी. है।
- इसके टिण्डों का वजन 4.4 से 4.8 ग्राम तक है।
- इसकी औसत पैदावार 24 से 28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- यह पत्ता मरोड़ बीमारी के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है।
बायोसीड बंटी बीजी-2
- इसके पौधे की ऊँचाई 150-170 से.मी. है।
- इसके टिण्डों का वजन 4.5 से 4.9 ग्राम तक है।
- इसकी औसत पैदावार 22 से 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- यह पत्ता मरोड़ बीमारी के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है।
आरसीएच 650 बीजी-2
- यह चितकबरी सुंडी, अमेरिकन सुंडी, गुलाबी सुंडी एवं तम्बाकू वाली सुंडी के प्रति अवरोधी है।
- इसके टिण्डों का वजन 4.5 से 4.75 ग्राम तक है।
- इसकी औसत पैदावार 22 से 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- यह पत्ता मरोड़ बीमारी के प्रति मध्यम रूप से संवेदनशील है।
जेकेसीएच-1947
- इसके पौधों की ऊँचाई अधिक होती है।
- इसमें टिण्डों का औसत वजन 4-4.5 ग्राम होता है।
- इसकी औसत पैदावार लगभग 25-30 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर होती है।
- इसकी औटाई लगभग 35त्न होती है।
एमआरसी-7017 बीजी-2
- यह किस्म चित्तीदार सुंडी, अमेरिकन सुंडी एवं गुलाबी सुंडी तथा तम्बाकू वाली सुंडी के प्रति भी अवरोधी है।
- इस किस्म की उत्पादन क्षमता 25-30 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर होती है।
- यह किस्म पत्ता मरोड़ बीमारी के प्रति अपेक्षाकृत अधिक अवरोधी है।
- इसके रेशें की लम्बाई 32 मिमी. के लगभग हेाती है।
स्रोत: Krishak Jagat
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