द्वारा प्रकाशित किया गया था Guru Angad Dev University, Ludhiana
2018-02-13 09:50:38
पशुओं के लिए तूड़ी/पराली को यूरिया से उपचार करने का तरीका
भैंसों/गायों के रोयों में स्थित सूक्ष्म जीव यूरिया को तोड़कर अपनी जीव प्रोटीन बनाने के लिए प्रयोग कर लेते हैं जो पशु की ज़रूरतों को पूरा करती है। इसलिए पशुओं के वितरण में 1 प्रतिशत यूरिये का प्रयोग करने से वितरण में यूरिया अच्छी तरह मिक्स होना चाहिए और यूरिया की डलियां नहीं होनी चाहिए। पशुओं के चारे के लिए यदि तूड़ी/पराली को यूरिये से उपचार करके प्रयोग करते हैं तो तूड़ी/ पराली के खुराकी गुणों में वृद्धि की जा सकती है और उपचारित पराली को सूखे तौर पर प्रयोग करके पशुओं की खुराक में प्रोटीन की कमी को दूर भी किया जा सकता है।
यूरिये से कैसे उपचारित की जाये तूड़ी?
तूड़ी/पराली को यूरिये से उपचार करने के लिए 4 क्विंटल तूड़ी या कुतरी हुई पराली लें और इसे ज़मीन पर बिछा लें। फिर 14 किलो यूरिये को 200 लीटर पानी में घोल लें और तूड़ी/पराली पर छिड़क लें ताकि सारी तूड़ी/पराली गीली हो जाये। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे दबाकर 9 दिनों के लिए रखें। 9 दिनों के बाद उपचारित की हुई तूड़ी तैयार हो जाती है। यह गुणकारी और नर्म हो जाती है।
किस तरह खिलानी है?
खिलाते समय तूड़ी को एक तरफ से ही खोलें और कुछ देर हवा लगने दें। यदि हवा नहीं लगवाते तो अमोनिया गैस जो बनी होती है वह पशु की आंखों में चुभने लगती है। फिर पशु को थोड़ा थोड़ा रिझाओ। उपचारित तूड़ी को प्रति 4 किलो के हिसाब से हरे चारे में मिलाकर बड़े पशुओं को खिलाई जा सकती है।
नोट - इसका प्रयोग, घोड़े, सुअरों और 6 महीने से कम उम्र के पशुओं के लिए ना किया जाये