परवल एक बहुवर्षीय फसल है। इसके लिए गर्म तथा नमी वाली जलवायु चाहिए। इसके लिए अच्छे निकास वाली जीवांशयुक्त भूमि की आवश्यकता होती है।
खेत को अच्छी तरह तैयार कर उसमें 1.5&1.5 मीटर दूरी पर 30&30&30 से.मी. गहरे गड्ढ़े बना लें। इसमें 45 किलो गोबर की खाद मिट्टी में मिला कर प्रति गड्ढे को भर दें।
गड्ढों में 45 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस व 40 किलो पोटाश/हेक्टर मान से भी दें। 15-15 किलो नत्रजन एक-एक माह के अंतर से खड़ी फसल में तीन बाद दें।
इन गड्ढों में सकर या कटिंग की रोपाई 3-5 से.मी. गहराई पर करें। इनका इंतजाम पहले से ही करके रखें। यह आपको पहले से परवल की खेती कर रहे किसानों से प्राप्त हो सकती हैं।
कटिंग यह सकर (जड़ों) के रोपाई के बाद नमी अनुसार सिंचाई करना चाहिए। पहली सिंचाई रोपाई के 8-10 दिन बाद कर लें। गर्मी में 10-12 दिन बाद सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। जाड़ों में 20-25 दिन बाद सिंचाई करें।
इसकी कुछ प्रमुख जातियां है-चेक सलेक्शन 1 व 2, चेक हाईब्रिड 1 व 2, स्वर्ण रेखा, एचपी 4, 5, फैजाबाद परवल 1,3,4।