अद्यतन विवरण

3849-mm.jpg
द्वारा प्रकाशित किया गया था Apnikheti
2018-08-20 08:30:30

जानें फसलों के लिए फायदेमंद अमृत घोल के बारे में

यह घोल फसल के विकास में सहायक होता है। बहुत कम मेहनत के साथ हम 24 घंटों के अंदर इसे बना सकते हैं।

सामग्री

• 1 लीटर पशु मूत्र

• 1 किलो गोबर

• 250 ग्राम गुड़

• 10 लीटर पानी

बनाने का तरीका

गोबर को पानी में अच्छी तरह मिलायें। फिर मूत्र मिलायें। गुड़ को तोड़ लें और थोड़े से पानी या मूत्र में अच्छी तरह मिला लें। ध्यान रहे कोई गांठ ना रहे। फिर इसे गोबर और मूत्र में मिला लें।

घोल को ढककर 24 घंटे के लिए छांव में रख दें।

गुड़ की जगह बचे हुए बेकार/खराब फलों का प्रयोग भी किया जा सकता है। इसके लिए एक किलो गले सड़े फल नायलॉन के जाल में डालकर गोबर और मूत्र के घोल में डुबो दें। पांच दिन तक डूबा रहने दें। इससे खमीरीकरण अच्छी तरह से हो जाता है।

प्रयोग करने की विधि

10 लीटर पानी में एक लीटर अमृत घोल मिलायें और छिड़काव करें।

अमृत घोल में ठीक अनुपात में पानी मिलायें। पानी कम रहने पर पत्ते जल सकते हैं।

एक एकड़ में छिड़काव करने के लिए 60—100 लीटर अमृत घोल सिंचाई वाले पानी में मिलायें। फसल को वृद्धि को देखकर और सुविधानुसार हर सप्ताह दो सप्ताह में इसका प्रयोग किया जा सकता है।

लाभ — इस घोल के प्रयोग से सीधे पत्तों की वृद्धि में सुधार होता है। इसके प्रयोग से कीड़े भी दूर रहते हैं।