द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
2020-02-05 16:20:43
चार नई किस्में और अन्य नई उत्पादन तकनीकों को राज्य स्तर कमेटी की मंजूरी
कुछ दिन पहले पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में राज्य किस्म मंजूरी कमेटी की विशेष मीटिंग बागवानी विभाग पंजाब के निर्देशक श्रीमती शैलेंद्र कौर आई एफ सी की प्रधानगी में हुई। इस मीटिंग में पीएयू की तरफ से पिछले समय दौरान विकसित की और बागवानी माहिरों की वर्कशॉप में जारी की किस्मों को स्वीकार कर लिया गया है।
इन किस्मों में प्याज की नई किस्म POH 1 प्रमुख है। इस किस्म के पौधे दरमियाने कद वाले, पत्ते हरे और खड़े होते हैं। प्याज का रंग हल्का लाल, आकार बड़ा गोल और तंग घंडी वाला होता है। यह किस्म खेत में पनीरी लगाने के बाद 142 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म की भंडारण समर्था बहुत बढ़िया होने के कारण प्याज कम निसरते हैं और इसकी औसतन उपज 221 क्विंटल प्रति एकड़ है।
इसके अलावा गाजर की नई किस्म PC 161 को स्वीकार कर लिया गया है। इस किस्म के पत्ते गहरे हरे और गाजर गहरी लाल और लगभग 30 सेंटीमीटर लंबाई की होती हैं। इस किस्म की गाजर में जूस की मात्रा 575 मिलीलीटर प्रति किलो, बीटा कैरोटीन 8.8 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम, टी एस एस 9.5 प्रतिशत और चीनी की मात्रा 8.75 प्रतिशत है। यह देसी किस्म है जो बिजाई के 90 दिन बाद पुटाई के लिए तैयार होती है और इसकी औसतन उपज 256 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
बैंगन की नई किस्म पंजाब भरपूर छोटे और गोल बैंगन के अधिक उपज वाली किस्म है। इसके पौधे दरमियाने, भरपूर, सीधे और काँटों रहित होते हैं। यह किस्म पौधों के सूखने वाले रोग को सहन करने के समर्थ है और इसकी औसतन उपज 224 क्विंटल प्रति एकड़ होती है।
काली तोरी की नई किस्म पंजाब निखार को भी राज्य स्तर किस्म प्रवानगी कमेटी ने स्वीकार किया है। इस किस्म की बेल दरमियानी लंबी और पत्ते हरे रंग के और छोटे होते हैं। इसके फल लंबे, नरम और फीके हरे रंग के होते हैं। पौधे लगाने के बाद 43 दिनों में यह फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके फल का औसतन भार 110 ग्राम और उपज 82 क्विंटल प्रति एकड़ है।
इन किस्मों को मीटिंग में सभी गुणवत्ता के साथ समीक्षा की गई है और पंजाब राज्य में बिजाई के लिए सिफारिशों में शामिल कर लिया गया।