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द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2022-01-27 11:02:53

गेहूं की बालियां खराब होने से बचाव

गेहूं की फसल की बालियां खराब होने के कुछ संभावित कारण हैं और इसके बचाव के लिए निम्नलिखित है।

मैंगनीज की कमी-

  • गेहूं में मैंगनीज की कमी अक्सर उन ज़मीनों में आती है, जहां ज़मीन रेतली हो/ज़मीन में पानी अधिक सोखता हो और खरीफ ऋतु में धान लगाया हो।
  • शुरू में मैंगनीज की कमी आने पर पौधे के बीच पत्ती के बीच की जगह हल्की पीली स्लेटी या गुलाबी भूरे रंग की हो जाती है।
  • जब गेहूं की फसल बड़ी हो जाए और ऊपरी पत्ते पर खुराकी तत्वों की कमी की निखानियां दिखाई दें तो बालियां टेढ़ी और दरांती की तरह निकल आती है।

रोकथाम-

  • जिन ज़मीनों में मैंगनीज की कमी हो, वहां पहला पानी लगाने से पहले 0.5 प्रतिशत मैंगनीज सल्फेट का छिड़काव करें और पानी लगाने के बाद हफ्ते हफ्ते के अंतराल पर 3 छिड़काव करें।
  • मैंगनीज सल्फेट के 0.5 प्रतिशत का घोल बनाने के लिए 1kg मैंगनीज सल्फेट को 200 लीटर पानी में घोल लें।
  • मैंगनीज ज़मीन में डालने पर असर नहीं करती, इसलिए मैंगनीज सल्फेट का हमेशा छिड़काव ही करें और कभी भी ज़मीन में न डालें।

2,4-D का असर-

  • गेहूं में चौड़ी पत्ती वाले नदीनों की रोकथाम के लिए अक्सर 2,4-D नदीनाशक का छिड़काव किया जाता है।
  • सिफारिश से अधिक मात्रा में 2,4-D के छिड़काव के कारण या छिड़काव करने के समय समय दुगना या अधिक छिड़काव हो जाने के कारण गेहूं के ऊपर भी इस नदीनाशक का बुरा प्रभाव आ जाता है।
  • इसका असर गेहूं की बालियों के उपर अधिकतर देखने में आता है।
  • बालियों में जरुरी तत्वों की बांट होने के कारण और अधिक बेकाबू होने से बालियां टेढ़ी और मुड़ जाती है, इससे गेहूं की उपज में असर पड़ता है।

रोकथाम-

  • छिड़काव समय पर बिजाई की गई गेहूं के ऊपर बिजाई के 35 से 45 दिनों के बाद और दिसंबर में पिछेती बिजाई की गई गेहूं पर 45 से 55 दिन के बाद करें।
  • छिड़काव के लिए पानी की मात्रा 150 लीटर प्रति एकड़ का प्रयोग करें और पानी की कम मात्रा से छिड़काव न करें।
  • 2,4-डी का छिड़काव किसी और के साथ न करें।

गेहूं की कांगियारी-

  • गेहूं की फसल पर पत्तियों की कांगियारी का हमला गेहूं की बिजाई के 60 से 70 दिनों के बाद खेती में दिखाई देना शुरू हो जाता है।
  • पत्तियों पर स्लेटी या काले रंग की लंबी धारियां पड़ जाती है जिसमें उल्ली के कीटाणु काले धब्बे के रूप में बाहर निकलते दिखाई देते हैं।
  • बीमारी के साथ प्रभावित पौधे होते रह जाते हैं और गंभीर हालातों में उन्हें बालियां भी नहीं पड़ते।

रोकथाम-

  • बीज को बिजाई से पहले 13ml Raxil Easy/Orius (13 ml दवा को 400 ml पानी में घोल कर 40 kg बीज को लगाएं) या 120gm Vitavax power या 80gm Vitavax या 40gm Seedex/Exzole प्रति 40kg बीज के हिसाब से उपचार कर किया जा सकता है।