विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS, New Delhi
पंजाब
2020-11-07 12:54:09

किसानों के लिए सब्जियों से संबंधित परामर्श

सरसों- तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान सरसों की बुवाई में ओर अधिक देरी न करें। मिट्टी जांच के बाद यदि गंधक की कमी हो तो 20 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर की दर से अंतिम जुताई पर डालें। बुवाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें। उन्नत किस्में- पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30, पूसा सरसों-31। बीज दर–1.5-2.0 किलोग्राम प्रति एकड। बुवाई से पहले खेत में नमी के स्तर को अवश्य ज्ञात कर ले ताकि अंकुरण प्रभावित न हो। बुवाई से पहले बीजों को केप्टान @ 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। बुवाई कतारों में करना अधिक लाभकारी रहता है। कम फैलने वाली किस्मों की बुवाई 30 सेंटीमीटर और अधिक फैलने वाली किस्मों की बुवाई 45-50 सेंटीमीटर दूरी पर बनी पंक्तियों में करें। विरलीकरण द्वारा पौधे से पौधे की दूरी 12-15 सेंटीमीटर कर ले। इस मौसम में किसान इस समय सरसों साग- पूसा साग-1, मूली-जापानी व्हाईट,हिल क्वीन, पूसा मृदुला (फ्रेच मूली); पालक-आल ग्रीन,पूसा भारती; शलगम-पूसा स्वेती या स्थानीय लाल किस्म; बथुआ- पूसा बथुआ-1; मेथी-पूसा कसुरी; गांठ गोभी-व्हाईट वियना,पर्पल वियना तथा धनिया-पंत हरितमा या संकर किस्मोंकी बुवाई मेड़ों(उथली क्यारियों) पर करें। बुवाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें।

मटर- तापमान को ध्यान में रखते हुए मटर की बुवाई में ओर अधिक देरी न करें अन्यथा फसल की उपज में कमी होगी तथा कीड़ों का प्रकोप अधिक हो सकता है। बुवाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें। उन्नत किस्में -पूसा प्रगति, आर्किल। बीजों को कवकनाशी केप्टान या थायरम @ 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर उपचार करें उसके बाद फसल विशेष राईजोबियम का टीका अवश्य लगायें। गुड़ को पानी में उबालकर ठंडा कर ले और राईजोबियम को बीज के साथ मिलाकर उपचारित करके सूखने के लिए किसी छायेदार स्थान में रख दें तथा अगले दिन बुवाई करें।

लहसुन- तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान इस समय लहसुन की बुवाई कर सकते है। बुवाई से पूर्व मृदा में उचित नमी का ध्यान अवश्य रखें। उन्नत किस्में –जी-1, जी-41, जी-50, जी-282. खेत में देसी खाद और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें।

टमाटर- मिर्च तथा टमाटर के खेतों में विषाणु रोग से ग्रसित पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दें। यदि प्रकोप अधिक है तो इमिडाक्लोप्रिड़ @ 0.3 मि.ली. प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें।