विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS,BIHAR AGRICULTURAL UNIVERSITY
पंजाब
2020-11-10 13:33:54

किसानों के लिए फसलों से संबंधित परामर्श

फसलों से संबंधित परामर्श-

  • धान की कटाई तथा दौनी के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा करने का प्र्यास करें। कजरा (कटुआ) पिल्लू से बोई गई फसलों की नियमित रूप से निगरानी करें। फसलों के जमाव के बाद के शुरूआती अवस्था में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। प्याज़ की स्वस्थ पौध के लिए पौधशाला से प्रत्येक 10 से 12 दिनों के अंतराल में खरपतवार निकाल क्र हल्की सिंचाई करें। 
  • गेहूँ एवं चना की बुआई के लिए 10 नवंबर के बाद मौसम अनुकुल हो रहा है। किसान भाई प्रमाणित स्त्रोत से बीज का प्रबंध कर ले। गेहूँ की सिंचित एवं सामान्य समय पर बुआई हेतु PBW-343, PBW-443, CBW- 38, DBW- 39, HD- 2733, HD- 2824, HD- 2967, K-9107, K-307, HUW- 206 एवं HBW-468 किस्में अनुषंसित है।
  • चना के लिए उन्नत किस्म पूसा-256, KPG-591 (उदय) KWR - 108, पंत जी 186 एवं पूसा 372 अनुषंसित हैं। 
  • रबी मक्का की बुआई करें।इसके लिए संकर किस्में शक्तिमान 1 सफेद, शक्तिमान 2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान 4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा 11 नारंगी पीला, राजेन्द्र संकर मक्का 1, राजेन्द्र संकर मक्का 2 एवं राजेन्द्र संकर मक्का दीप ज्वाला तथा संकुल किस्में- देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद एवं सुआन पीला इस क्षेत्र के लिए अनुषंसित है। खेत की जुताई में 100-150 क्विंटल कम्पोस्ट, 60 किलोगा्रम नेत्रजन, 75 किलोगा्रम फास्फोरस एवं 50 किलोगा्रम पोटाष प्रति हेक्टर की दर से व्यवहार करें। बीज दर 20 किलोगा्रम प्रति हेक्टेयर तथा दूरी 60*20 सेंटीमीटर रखे।