यह रोग जीवाणु एवं कवक जनित रोग है जो फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचता है। शुरूआती अवस्था में इसके कारण पत्तीयाँ लटक जाती है, पत्तियाँ पीली हो जाती है, फिर पूरा पौधा सूख जाता है और मर जाता है।
इस रोग के निवारण के लिए मिट्टी उपचार सबसे कारगर उपाय है।
जैविक उपचार के रूप मायकोराइजा @ 4 किलो प्रति एकड़ या ट्राईकोडर्मा विरिडी @ 1 किलो प्रति एकड़ की दर से मिट्टी का उपचार करें।
इससे बचाव के लिए स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस @ 250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव के रूप में उपयोग करें।
रासायनिक उपचार के रूप में कासुगामायसिन 5 % +कॉपरआक्सीक्लोराइड 45 % WP @ 300 ग्राम प्रति एकड़ याथायोफिनेट मिथायल 70 % W/W @250 ग्राम प्रति एकड़ की दर से ड्रैंचिंग करें।