विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था GKMS, Bikaner
पंजाब
2020-10-31 13:30:08

किसानों के लिए चारे वाली फसलों से संबंधित परामर्श

फसलें-

  • तारामीरा की उन्नत किस्में RTM-2002, RTM-314, T-27 या ITSA लें। तारामीरा की बुबाई के लिए 2.5 किलो बीज प्रति बीघा लें।
  • मेथी की बुबाई के लिए उन्नत किस्में RMT-1 या RMT-305 का 6 किलो बीज प्रति बीघा लें व कसूरी मेथी के लिए 2.5 किलो बीज प्रति बीघा लें। 
  • सोंफ की बुबाई के लिए उन्नत किस्में RF 101, RF 125, RF 143 का 2 से 2.5 किलो बीज प्रति बीघा लें। यदि सोंफ को पोध विधि से तैयार करें तो 25 वर्ग मीटर में 1 किलो बीज से पोध तैयार करें व जब पोध 30 से 45 दिन हो जाए तो रोपाई करें। 
  • ईसबगोल की बुबाई के लिए उन्नत किस्म GI 2 या RI 89 का 1.25 से 1.5 किलो प्रति बीघा बीज लें।
  • चारे वाली फसलों में जई की उन्नत किस्म केंट, OS 6, OS 9, HF 114, IGFRIS 2688, SJ 8, JSO 882 का 20 से 25 किलो बीज प्रति बीघा व बरसीम की मसकावी व वरदान का 6 से 7 किलो बीज प्रति बीघा व रिजका की टी 9, NDRI सलेक्शन 1, आनंद 2, सिरसा 8, सिरसा 9 या कम्पोजिट 5 का 6 से 7 किलो बीज प्रति बीघा लें।
  • भविष्य के लिए पानी और नमी की हर एक बूंद का सरंक्षण करें।
  • पशुओं में पेट के कीड़ें मारे व खुर पक्का- मुँह पक्का, काला ज्वर व गल घोटु बीमारी के टीके मानसून से पहले पहले लगवाएं।