विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था CSK Himachal Pradesh Agricultural University, Palampur
पंजाब
2020-12-12 13:09:19

आने वाले पांच दिनों के लिए पशुपालन, मुर्गीपालन और मछलीपालन से संबंधित परामर्श

पशुपालन- पशुओं को दंड से बचाएं और जगह को सूखा रखें, जुओं चिचाडों से बचें हेतू butox  2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी के हिसाब से पशुपाला में छिड़के।पशुओं को साफ पानी दें।  गेविन गाय या भैंस को संतुलित आहार व मिनरल मिश्रण 25 से 30 ग्राम प्रति दिन दें। नवजात बछाड़ों को जन्म 2 घंटे के अंदर उनके भार का 1/11 वा भाग खीस अवश्य पिलाएं। पशुओं के छोटे बच्चों को जन्म के बाद 8 से 10 दिन तक सींग रहत करवाएं व उनको पेट के कीड़ें मारने की दवाई स्थानीय पशुचिकित्सिक से परामर्श करके समय समय पर पिलाते रहें। पशुओं को खांसी के लिए निरीक्शल कराएं।

मुर्गीपालन- मुर्गियों को कैल्सीयस के कंकड़ दें। मुर्गियों के दाना मिश्रण में ऊर्जा की मात्रा बढ़ा दें। मुर्गियों को इकोलोई व कोकासिडिया बिमारियों से बचाएं। मुर्गियों को बिमारियों से बचाने के लिए मुर्गीघरों में नमी मत होने दें। मुर्गीघरों में डीप-लीटर को दूसरे तीसरे दिन उल्ट दे, ताकि बीमारी न फैले। मुर्गियों को साफ पानी दें , ब्राईलर को लगातार फीड देते रहे। मुर्गियों को अण्डों का उत्पादन बढ़ने हेतू रौशनी 14 से 16 घंटे का उचित प्रबंध करें।

मछली पालन- मछली पालन की ऋतू खत्म हो रही है इसलिए सभी मछलियों को निकाल कर व तालाबों को खाली करके इनके रखरखाव की व्यवस्था करें।