
आने वाले पांच दिनों के लिए गेहूं, दलहनी, सरसों और चारे से संबंधित परामर्श

गेहूं- गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार के 2 से 3 पत्ती अवस्था में अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें। गेहूं की रतुआ संवेदनशील अगेती बुवाई किस्मों में पीला रतुआ बीमारी के लक्षण जैसे गेहूं के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-छोटे दाने सीधी धारियों में प्रकट हों व दूसरी ओर पत्तों में पीलापन दिखाई दे तो अनुशंसित रसायनों का छिड़काव करें व 15 दिन के अंतराल पर दोहराएं।
सरसों- किसानों को सापेक्ष आद्रता को ध्यान में रखते हुए सफेद रतुआ पेटेंड/चित्रित बग और एफिड हमले के खिलाफ सरसों की फसल की निगरानी के लिए सुझाव दिया जाता है, यदि सफेद रतुआ का संक्रमण अधिक है तो Dithane M-45 @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के छिड़काव का सुझाव दिया जाता है। सरसों में चेपा को काट कर नष्ट करके रोगर या क्विनलफॉस 2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। तिलहनी फसलों में अगर खरपतवार नियंत्रण रसायनों का प्रयोग न किया गया है तो यह समय इन फसलों में निराई-गुड़ाई करने का है। समय पर बोई गई सरसों की फसल में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें। जहाँ सरसों, गोभी सरसों तथा राया की बिजाई के लिए एक महीना हो गया हो तो खरपतवार नियंत्रण के लिए आईसोप्रोटूरान रसायन की 60 ग्राम प्रति कनाल के हिसाब से 30 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
अनाज भंडारण- भंडारित अनाज की जांच करें तथा कीट नज़र आए तो सेल्फॉस गोलियां @ 3 गोली प्रति टन अनाज की दर से प्रयोग करें तथा ढाँचे को अच्छी तरह से सील कर दें।
चारा- जई तथा बरसीम की बुवाई की फसलों में खरपतवार नियंत्रण करें। पहली कटाई के दौरान चारे के पौष्टिक उत्पादन के लिए गोभी सरसों के बीज जोड़ें। बरसीम की चाईनीज़ सरसों की खेती करना लाभदायक है अगर खेत में पहली बार बिजाई की जा रही है तो राइजोवियम कल्चर से टीकाकरण/बीज उपचार करें।
माहिर कमेटी
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