विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
पंजाब
2020-12-18 13:27:58

आने वाले दिनों के लिए गेहूं, रबी मक्का और पशुपालन से संबंधित परामर्श

गेहूं- अगात बोई गई गेहूं की फसल में पहली सिंचाई के बाद (रोपाई के 30 से 35 दिन में) कई प्रकार के खरपतवार उग आते है। जिनका विकास काफी तेजी से होता है और जो गेहूं की बढ़वार को प्रभावित करती है। इन सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रन हेतु सल्फोसल्फयुराॅन 33 गा्रम प्रति हेक्टेयर एवं मेटसल्फयुराॅन 20 गा्रम प्रति हेक्टेयर दवा 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें। किसान भाइयो को सलाह दी जाती है कि गेहूं की पिछात किस्मों की बुवाई 25 दिसंबर से पहले संपन्न करें। इसके बाद बुवाई करने पर उपज में भारी कमी होती है। गेहूं की पिछात किस्मों की बुवाई करें। इसके लिए PBW 373, HD 2285, HD 2643, HUW 234, WR 544, DBW 14, NW 2036, HD 2967 तथा HW 2045 किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुशंषित हैं। प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम बेबीस्टीन की दर से पहले उपचारित करें । पुनः बीज को क्लोरपायरिफाॅस 20 EC दवा का 8 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें। बुवाई के पूर्व खेत की जुताई में 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम फाॅसफोरस एवं 20 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। जिन क्षेत्रों में फसलों में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देती हो वैसे क्षेत्रों के किसान खेत की अन्तिम जुताई में जिंक सल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। छिटकबाँ विधि से बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 150 हेक्टेयर तथा सीड ड्रिल से पंक्ति में बुवाई के लिए 125 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें। बुआई पूर्व खेतों की हल्की सिंचाई अवष्य करें ताकि बीजों का समुचित जमाव सुनिष्चित हो सके।

रबी मक्का- अगात बोयी गई रबी मक्का की 50-55 दिनों की फसल में 50 किलोग्राम नेत्रजन का प्रयोग कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें। फसल में नियमित रुप से कीट एवं रोग-व्याधी की निगरानी करें।

पशुपालन- दुधारु पशुओं के रख-रखाव एवं खान पान पर विशेष घ्यान दें। खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें। निम्न तापमान के कारण दुधारु पशुओं के दुध में आई कमी को दूर करनें के लिए नियमित रुप से दाने के साथ कैल्शियम खिलाएं। पशुओं को रात में खुले स्थान पर नहीं रखें। बिछावन के लिए सुखी घास या राख का उपयोग करें।