विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
पंजाब
2020-12-14 14:50:42

आने वाले चार दिनों के लिए गेहूं, मक्का और पशुपालन से संबंधित परामर्श

गेहूं- गेहूं की फसल जो 21-25 दिनों की हो गई हो, में हल्की सिंचाई करें। सिंचाई के 1-2 दिनों बाद प्रति हेक्टेयर 30 किलोग्राम नेत्रजन उर्वरक का व्यवहार करें। गेहूं की फसल में यदि दीमक का प्रकोप दिखाई दें तो बचाव हेतु क्लोरपायरीफाॅस  20 ई सी 2 लीटर प्रति एकड़ 20-25 किलोगा्रम बालू में मिलाकर खेत में सिंचाई से पहले छिड़क दें। 

  • गेहूँ की पिछात किस्मों की बुआई करें। इसके लिए PBW 373, HD 2285, HD 2643, HUW 234, WR 544, DBW 14, NW 2036, HD 2967 तथा HW 2045 किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुशंषित हैं। प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम बेबीस्टीन की दर से पहले उपचारित करें। पुनः बीज को क्लोरपायरिफाॅस 20 ई सी दवा का 8 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम  बीज की दर से उपचारित करें।बुआई के पूर्व खेत की जुताई में 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम फाॅसफोरस एवं 20  किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। जिन क्षेत्रों में फसलों में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देती हो वैसे क्षेत्रों के किसान खेत की अन्तिम जुताई में जिंक सल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। छिटकबाँ विधि से बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किलोग्राम तथा सीड ड्रिल से पंक्ति में बुआई के लिए 125 किलोग्राम बीज का व्यवहार करें। बुआई पूर्व खेतों की हल्की सिंचाई अवष्य करें ताकि बीजों का समुचित जमाव सुनिष्चित हो सके।
  • गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण की सबसे उपयुक्त अवस्था बुआई के 30 से 35 दिनों बाद होती है। गेहूं में उगने वाले सभी प्रकार के खरपतवार के नियंत्रन हेतु पहली सिंचाई के बाद सल्फोसल्फयुराॅन 33 गा्रम प्रति हेक्टेयर एवं मेटसल्फयुराॅन 20 गा्रम प्रति हेक्टर दवा 500 लीटर पानी में मिलाकर खड़ी फसल में छिड़काव करें।ध्यान रहें छिड़काव के वक्त खेत में प्रयाप्त नमी हो।

मक्का- रबी मक्का की अगात फसलों में निकौनी करें तथा नियमित रुप से फसल में कीट एवं रोग-व्याधि की निगरानी करें।

पशुपालन- दूधारु पशुओं के रख-रखाव एवं खान पान पर विशेष घ्यान दें।खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दें तथा खुले स्थानों पर नही रखें।