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द्वारा प्रकाशित किया गया था Dr. Rajendra Prasad Central Agricultural University, Pusa, Samastipur, Bihar
पंजाब
2021-05-12 11:37:58

अदरक और जिमीकंद की खेती करने वाले किसान ध्यान दें

अदरक- अदरक की बुवाई 15 मई से करें। अदरक की मरान एवं नदिया किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुशंसित है, खेती की जुताई में 25 से 30 टन गोबर की सड़ी खाद, नेत्रजन 30 से 40 किलोग्राम, पोटाश 80 से 100 किलोग्राम जिंक सलफेट 20 से 25 किलोग्राम एवं बोरोक्स 10 से 12 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। अदरक के लिए बीज दर 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रखें। बीज प्रकांड का आकार 20 से 30 ग्राम जिसमें 3 से 4 स्वस्थ कलियाँ हो। रोपाई की दुरी 30x20 सेंटीमीटर रखें। अच्छे उपज के लिए रिडोमिल दवा के 0.2 प्रतिशत के घोल से उपचारित बीज की बुवाई करें।

जिमीकंद- ओल के गजेंद्र किसम की रोपाई संपन्न करें। प्रत्येक 0.5 किलोग्राम के कंद की रोपनी के लिए दुरी 75x75 सेंटीमीटर रखें। 0.5 किलोग्राम से कम वजन की कंद की रोपाई नहीं करें।