द्वारा प्रकाशित किया गया था गोविंद बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
पंजाब
2022-04-09 09:51:39
Tips related to wheat, lentil and sugarcane crop
गेहूँ: गेहूँ की बालियों का रंग सुनहरा हो जाए तथा बालियों के दाने कड़े हो जाए तब फसल की कटाई करें। कटाई समय से करें अन्यथा बालियों के टूट कर गिरने तथा चिड़ियों एवं चूहों द्वारा नुकसान होता है। कटाई के उपरांत फसल को 3-4 दिनों तक धूप में सुखाकर थ्रैसर से मढ़ाई करें। गेहूँ की कटाई अगर कम्बाइन द्वारा की जानी हो तो दानों में नमी 20 प्रतिशत से अधिक न हो। अधिक नमी होने पर दाने बालियों में फसे रह जाते हैं। विलम्भ से बोई गेंहूॅं की फसल अभी हरी हो तो शाम के समय हल्की सिंचाई करें। इससे गेहूं के दाने सुडोल होंगे हों अन्यथा पानी की कमी के कारण गेंहूॅं के दाने सिकुड़ने की सम्भावना रहती है। तेज हवा चल रही हो तो सिंचाई न करें।
मसूर की दाल: दलहनी फसलों जैसे मसूर तथा चना की कटाई फसल पकने के तुरंत बाद सुबह के समय करें अन्यथा दाने झड़ने से नुकसान होता है। भण्डारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा लें।
गन्ना: फरवरी में बोई गई गन्ना की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा यूरिया का टाॅप डेसिंग एवं गुड़ाई करें। अगर गेहूँ की कटाई के बाद विलम्ब से गन्ना की बुवाई करनी हो तो इसे अप्रैल माह में पूरा कर लें। बुवाई हेतु गन्ना के 1/3 से 1/2 ऊपरी हिस्सों को बीज में प्रयोग करें। बीजोपचार से पूर्व बीज को 24 घंटे पानी में भिगोएं। इससे जमाव में आशातील बढ़ोतरी होती है। बीज शोधन होतु 1 ग्राम कार्बेडाजिम 50 प्रतिशत को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाए।