द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2022-06-02 10:26:24
These varieties of soybean are resistant to yellow mosaic disease
सोयाबीन: सोयाबीन की SL 958, SL 744, SL 525 किस्म का प्रयोग करें क्योंकि यह पीले विषाणु रोग को सहने योग्य समर्था रखती है, 25 से 30 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें, यदि सोयाबीन की बिजाई पहली बार कर रहे है तो बीज को बिजाई से पहले (राइज़ोबियम) जीवाणु का टीका लगाकर उपचार कर लें।
यह जीवाणु का टीका फसल की नाइट्रोजन तत्व की कमी को पूरा करता है फसल जून के पहले पखवाड़े में बोयें, फसल 3 से 4 सेंटीमीटर गहरी और कतारों का फासला 45 सेंटीमीटर रख कर बुवाई करें, इस फसल की बिजाई बेड पर भी कर सकते हैं।
बेड पर बिजाई की गई फसल को बारिश का खड़ा पानी नुक्सान करता है, नदीनों की रोकथाम के लिए दो दिन के अंदर स्टोम्प 30 ताकत 600ml प्रति एकड़ का 200 लीटर पानी प्रयोग कर छिड़काव करें, इसके बदल में 300ml प्रति एकड़ प्रिमेज़ 10SL को बिजाई के 15 से 20 दिन बाद छिड़काव करें, अधिक उपज लेने के लिए 4 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें।
बिजाई के समय 28 किलोग्राम यूरिया 200 किलोग्राम सिंगल सुपरफास्फेट प्रति एकड़ का प्रयोग करें, जहां सोयाबीन गेहूं के बाद बोई गई है जिसे फास्फोरस की पूरी मात्रा डाली गई हो, वहां सोयाबीन को 150 किलोग्राम सुपरफास्फेट प्रति एकड़ ही डालें।