द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2023-02-16 17:46:22
Symptoms and prevention of yellow rust in wheat
पंजाब में पीली कुंगी का हमला नींम पहाड़ी इलाकों जैसे कि आनंदपुर साहिब, नूरपुर बेदी, बलाचौर, गुरदासपुर, पठानकोट आदि में शुरू होता है। बीमारी की उल्ली गर्मी ऋतू पहाड़ी इलाकों में बिजाई की गई गेहूं के ऊपर दिखाई देती है। यहां से इसके कण हवा के ज़रिये उड़कर सर्दियों के मौसम में पंजाब के नींम पहाड़ी इलाकों में गेहूं पर हमला कर देते हैं, जोकि धोडियों के रूप में नज़र आता है। पीली कुंगी की यह धोड़ियाँ पंजाब के बाकि इलाकों में बीमारी का स्रोत बनती हैं। इस साल पीली कुंगी का हमला रोपड़ ज़िले के ब्लाक आनंदपुर साहिब के दोनाल, डरोली, मगलूर, गंभीरपुर, सूरेवाल, भट्टी, गग्ग, निकू नंगल आदि गांव में और शहीद भगत सिंह नगर कर सड़ोया ब्लाक के दियाला, टपरियां और सड़ोया में देखने को मिला है। इसलिए अब जागरूक होने की ज़रूरत है और अपने खेतों का सर्वेक्षण करना बहुत ज़रूरी है।
पहचान: पीली कुंगी के हमले से पत्तियों पर पीले रंग के पाउडर जैसे धब्बे धारियों के रूप में बन जाते हैं, जिनसे हल्दी जैसा पीले रंग का पाउडर निकलता है। यदि बीमारी वाले पत्तों को छुया जाए तो बीमारी वाला पाउडर उँगलियों पर दिखाई देता है। इस पीले पाउडर से ही पीली कुंगी की असली पहचान की जा सकती है। यह पाउडर हवा के साथ उड़कर बीमारी को दूर तक फैलाता है। अनुकूल मौसम में यह धारियाँ तने के चारों ओर पत्तों (शीथ) पर भी बन जाती हैं। बीमारी से प्रभावित पत्ते सूख जाते हैं और दाने सिकुड़ जाते हैं, जिससे गेहूँ की उपज कम हो जाती है। इस सप्ताह व्यापक बारिशों के कारण हवा में नमी बढ़ गई है और तापमान भी बढ़ने के कारण मौसम पीली कुंगी की वृद्धि और फैलाव के लिए उपयुक्त हो गया है। इसलिए नींम पहाड़ी क्षेत्रों वाले किसान भाई अपने खेतों का सर्वेक्षण करें।
बचाव: सर्वेक्षण के समय जहां भी इस बीमारी की धोड़ियाँ नज़र आएगी, उस पर यूनीवर्सिटी की तरफ से सिफारिश उल्लीनाशक जैसे कि कैविएट या एम्पैक्ट एक्स्ट्रा या ओपेरा या कस्टोडिया या टिल्ट या शाइन या बंपर या स्टिल्ट या कम्पास या मार्कज़ोल के 0.1 प्रतिशत या नैटिवो 0.06 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करें ताकि समय रहते इस बीमारी को बढ़ने और फैलने से रोका जा सके।