विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

idea99ganna_ki_kheti.jpg
द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-01-29 10:26:24

Suggestions of PAU experts for sugarcane farming

इस महीने के मध्य से गन्ने की बिजाई शुरू कर दें। सिफारिश की गई किस्में COP-92, CO-118, COJ-85, COJ-64, (अगेती किस्में) COPB-94, COPB-93, COPB-91, CO-238, और COJ-88 (दरमियानी, पिछेती पकने वाली) किस्मों का प्रयोग करें। बीज रत्ता रोग, सोकड़ा, कांगियारी, छोटापन और घास जैसे शाखाओं के रोग से मुक्त प्रयोग करना चाहिए। दीमक के हमले से बचने के लिए रूडी की गली सड़ी खाद का प्रयोग करें। दीमक की रोकथाम के लिए 45ml इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस एल को 400 लीटर पानी में घोल कर जड़ों के पास फव्वारे के साथ डालकर हल्की मिट्टी चढ़ाने के बाद पतला पानी लगा दें। अगेते फुटाव के केंचुए की रोकथाम के लिए 10 किलो रीजेंट/मोरटैल/रिपन 0.3 जी (फिप्रोनिल) दानेदार को 20 किलो गीली मिट्टी में मिलाकर (-गुल्ली) ऊपर डालकर सुहागे के साथ गुल्ली ढक दें या फिर फसल उगने (लगभग गुल्लियाँ लगाने के 45 दिनों के बाद) पर 10 किलो रीजेंट/मोरटैल /रिपन 0.3 जी को 20 किलो रेत में मिलाकर या 150ml कोराजन 18.5 ताकत या 2 लीटर डर्मट/क्लासिक/डरसबान/मार्कपाइरीफास 20 ताकत को 400 लीटर पानी में मिलाकर जड़ों के पास-पास फव्वारे के साथ डालकर हल्की मिट्टी चढ़ाने के बाद पतला पानी लगा दें। मौसमी नदीनों की रोकथाम के लिए कारमैक्स या क्लास 80 घुलनशील (ढाईयूरान) 800 ग्राम प्रति एकड़ गन्ने की फसल की बिजाई के बाद और नदीन उगने से पहले छिड़काव करें। गन्ने की बिजाई से 15 दिन पहले 8 टन रूडी या प्रेसमढ़ प्रति एकड़ के हिसाब से ज़मीन में अच्छी तरह मिला दें। यदि रूडी या प्रेसमढ़ डाली हुई हो तो नाइट्रोजन की मात्रा 60 किलो प्रति एकड़ से कम कर 40 किलो प्रति एकड़ करें पर हल्की ज़मीनों में खाद की मात्रा कम ना करें। फास्फोरस तत्व मिट्टी की जांच के अनुसार प्रयोग करें। सामान्य स्थिति में गन्ने की बिजाई के समय 65 किलो यूरिया प्रति एकड़ पय्रोग करें। इसके अलावा बिजाई के समय 4 किलो अज़ोटोबैक्टर (जीवाणु खाद) प्रति एकड़ डालें।