विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-02-08 10:19:55

Suggestions for sunflower farming

सूरजमुखी की बिजाई जितनी जल्दी हो सके कर लीजिये। सूरजमुखी की बिजाई पिछेती होती लगे तो इसकी खेती पनीरी के ज़रिये की जा सकती है। जल्दी पकने वाली दोगली किस्मों के पहल दें जैसे कि पी एस एच 1962, डी के 3849, पी एस एच 996, पी एस एच 569, और पी एस एफ एच 118,  फरवरी के पहले सप्ताह में ही बिजाई खत्म कर लीजिये और इस समय पी एस एच 559 किस्म की बिजाई करने को तरजीह दें। फसल की बिजाई 60 सेंटीमीटर चौड़ी कतारों में करें और पौधे से पौधे का फासला 30 सेंटीमीटर रखें। मेड़ें पूर्व से पश्चिम की तरफ और बिजाई दक्षिण की तरफ करें। बीज की बिजाई मेड़ों की ढलान के 6-8 सेंटीमीटर नीचे की तरफ करें। मेड़ों पर बोई फसल को बिजाई के 2-3 दिन के बाद पानी दें और पानी देते समय यह ध्यान रखें कि पानी बीज की सतह के नीचे ही रहे। 2 किलो बीज एकड़ के लिए बहुत है। बीज का बिजाई से पहले टेग्रान 6 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से उपचार करें। बिजाई के समय 50 किलो यूरिया, 75 किलो सिंगल सुपर फास्फेट प्रति एकड़ डालें। हल्की ज़मीनों में 50 किलो यूरिया प्रति एकड़ 2 किश्तों में एक बिजाई से समय और दूसरी एक महीने के बाद डालें। यदि सूरजमुखी की आलुओं के बाद बिजाई करनी हो जिन्हें 20 टन रूडी प्रति एकड़ डाली हो तो 25 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालें। यदि मिट्टी जांच के अनुसार पोटाशियम की कमी हो तो 20 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ डालें। शहीद भगत सिंह नगर और होशियारपुर ज़िलों में 40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश डालें।