रबी की फसल की कटाई के बाद खेत की अच्छे से जोताई करें।
इससे कीटों के अंडे और बच्चों के साथ साथ खरपतवारों के बीज नष्ट करने में मदद मिलती है।
रबी की फसलों की कटाई के बाद किसानों को प्रमाणित एजंसी से मिट्टी की जांच करवानी चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो खेत को समतल ही करवाएं।
जहां कहीं रबी की फसलों की कटाई हो चुकी है, वहां हरी खाद वाली फसलों की बिजाई की सलाह दी जाती है।
हरी खाद में ग्वार, जंतर, सनई, लोबिया आदि उगाए जा सकते हैं, फसलों के सही विकास और अंकुरण के लिए उचित नमी का होना जरूरी है।
धान की पनीरी — धान की पनीरी की बिजाई के लिए मिट्टी में नमी को निश्चित बनाएं और पनीरी की बिजाई से पहले सिफारिश किए रसायन से उपचार करें।
मक्की की बिजाई के लिए सलाह दी जाती है और बारिश पड़ने के बाद जब मिट्टी में नमी हो तो बीज प्रबंधन (25—30 किलो प्रति हेक्टेयर) करें और खरपतवारों को रोकने के लिए नदीन नाशक प्रयोग करें।
मक्की के खेत में पत्ते खाने वाली सुंडियां और सफेद सुंड लगने का खतरा रहता है, सिफारिश किए रसायन प्रयोग करें।