द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2019-03-19 12:15:55
Special advisories for Horticulture operations
पी ए यू के माहिरों की तरफ से बागबानी संबंधी विशेष सलाहें निम्नलिखित अनुसार हैं:
• नए लगाए छोटे पौधों को थोड़े थोड़े अंतराल पर पानी देते रहें। इन छोटे पौधों को सीधा रखने के लिए डंडे आदि का सहारा दें ताकि पौधे बढ़िया ऊपर को बढ़ सकें। सदा हरे रहने वाले पौधे जैसे कि नींबू वर्गीय, आम, लीची, अमरूद, लोकाठ और बेर आदि को खेतों में लगा दें। नए और पुराने फलदार पौधों को लगातार पानी देना चाहिए क्योंकि उन पर नया अंकुरन आता है लीची के वृक्षों पर जब फूल पड़ जाएं तो तीन सप्ताह के अंतराल पर लगातार पानी दें। अंगूरों की बेलों को मार्च के पहले इस महीने के आखिर में फलदार वृक्षों के नीचे तने पर चूने का गाढ़ा घोल लगा दें। टहनियां सूख जाने के रोग की रोकथाम के लिए 2:2:250 का छिड़काव फूल खिलने से पहले करें। बेरों की तुड़ाई का मुख्य समय मध्य आर्च से मध्य अप्रैल है। एथीफोन 400 पी पी एम का (250 मि.ली. 300 लीटर पानी) मार्च के पहले सप्ताह फलों के रंग बदलने की अवस्था पर छिड़काव करने से उमरान किस्म के बेर दो सप्ताह पहले पक जाते हैं और फल आकर्षक, एकसमान, अच्छे गुणों वाले और गहरे सुनहरी पीले चॉकलेट की आभा दिखाते हैं। अमरूदों के बहुत पुराने और कम उपज देने वाले वृक्षों का नवीनीकरण करने के लिए मार्च महीने में ज़मीन से 1.5 मीटर की ऊंचाई से काट दें और काटे हुए सिरों पर बोर्डो पेस्ट लगाएं। नींबू वर्गीय फलों के वृक्षों के कीट विशेष कर सिल्ला और चेपे की रोकथाम के लिए 200 मि.ली. क्रोकोडाइल/कन्फीडोर 17.8 एस एल (इमीडाक्लोप्रिड) या 160 ग्राम एक्टारा 25 ताकत (थाइमैथोक्सम) को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ पर छिड़काव करें।
• बेरों की तुड़ाई का पंजाब में मध्य मार्च से मध्य अप्रैल का अनुकूल समय है। नींबू वर्गीय पौधों में टहनियां सूखने का रोग रोकने के लिए बोर्डो मिश्रण का छिड़काव मार्च के आखिरी सप्ताह करें।
• किन्नू में पैर गलन रोग को रोकने के लिए पौधे के आस पास और जड़ पर सोडियम हाइपोक्लोराइड 5 प्रतिशत को 50 मि.ली. प्रति पौधे के हिसाब से 10 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।