द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2022-04-19 10:57:50
Some helpful tips to protect animals from the heat stress in summer
गर्मी के मौसम में पशु पालकों को अपने पशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चहिए। दुधारू पशुओं में गर्मी के तनाव के प्रभाव को कम करने में निम्नलिखित तरीके सहायक हो सकते हैं:
खुराक प्रबंधन:- गर्मी के प्रकोप के कारण पशु खुराक कम खाते हैं जिससे दूध उत्पादन भी कम हो जाता है। गर्मियों में हरा चारा भी सर्दियों के चारे की तुलना में खराब होता है। पोषक तत्वों की कमी के कारण जहां पशु का दूध उत्पादन कम हो जाता है, वजन भी कम हो जाता है, जिसके कारण वह हीट में नहीं आता है और उसके दो ब्यांत में फासला बढ़ जाता है।
इन कारणों को दूर करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है:-
गर्मियों के चारे में 5-7 प्रतिशत खल की वृद्धि करें।
पशु को संतुलित आहार दें। आहार में ताज़ा, नर्म, हरा चारा, दूध की पैदावार मुताबिक (चारा) और धातु का चूरा होना चाहिए।
40-50 किलोग्राम हरे चारे की सिफारिश की जाती है। लेकिन दोगली गाय उससे ज़्यादा खा जाती है।
भैंसों में 5 किलो तक और गायों में 7 किलो तक दूध बिना चारा और फीड दिए सिर्फ हरे चारे से लिया जा सकता है। इससे ऊपर दूध के लिए भैंस को 2 किलो दूध और गाय को 2.5 किलो दूध के लिए एक किलो चारा देना चहिए।
एक क्विंटल दाने में 2-3 किलो धातु का चूरा ठीक रहेगा।
मौसम ठंडा होने पर सुबह और शाम पशु को खुराक खिलाएं, एक साथ खुराक न देकर थोड़ी-थोड़ी खुराक कुछ समय का फैसला रखकर देना लाभदायक होता है।
चारे फीड को स्वादिष्ट बनाने के लिए दाने में सीरे का प्रयोग करें।
जानवर को पानी में भिगोकर ही दाना खिलाएं।
पशुओं को फलीदार और बिना फलीदार चारे का मिश्रण खिलाएं और चारे को ज़्यादा न पकने दें।