बीज को 10 प्रतिशत नमक वाले घोल में डबोकर इस बीमारी वाले दाने अलग कर लीजिए। फिर बीज को पानी से धोकर सुखा लीजिए।
अगर बालियों पर शहद जैसे तुपके दीहै दे तो जल्द ही छीटों को चुनकर जला दीजिए।
फसल की कटाई के बाद अगर खेत में कुछ बलिया रह जाए तो वह भी नष्ट कर दीजिए और यह काम ख़ास करके बीमारी वाले खेत में ज़रूर करें।
उस खेत में अगले साल बाजरे की बिजाई न करे जहां पर इस साल अरगट बीमारी का हमला हुआ हो।
कटाई के बाद गहराई में हल के साथ जोताई करके बाजरे के बचे हुए भाग को गहराई में दबा दीजिए ताकि बीमारी के अंश मर जाए।
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