द्वारा प्रकाशित किया गया था गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी,लुधियाना
पंजाब
2023-01-12 15:39:27
Preventing lice in livestock
पशुओं में जूं ठंडे मौसम के परजीवी है और यह समस्या पतझड़ ऋतु से शुरू होकर सर्दियों के अंत या बसंत ऋतु तक सिखर पर पहुँच जाती है। पशुओं के झुंड के अंदर जूं सीधे संपर्क द्वारा फैलती है। खराब पोषण स्थिति या अन्य बीमारियों के कारण तनाव, पशुओं में जूं की संवेदनशीतला को बढ़ा सकता है और भारी संक्रमण अक्सर कमज़ोर या बीमार पशुओं में देखे जाते हैं। जूं के जीवन चककर के 5 पड़ाव होते हैं जिसमें एक पड़ाव सफेद, पीले, काले रंग के अंडे का, 3 पड़ाव पीले रंग की छोटी जूं के और एक पड़ाव भरे/लाल रंग की बालग जूं का होता है। प्रजाति पर निर्भर करती जूं का पूरा जीवन चकर 20 से 40 दिन का हो सकता है। जूं आमतौर पर कान, गर्दन, कंधे, कुहनी और पेशाब करने वाली जगह के आस-पास हमला करती है।
नुक्सान
पशुओं में बेचैनी और नींद ना आना
पशुधन की उत्पादन क्षमता में कमी
चमड़ी में सूजन, खून की कमी और खारिश
चमड़ी का खराब हो जाना, ज़ख्म बन जाना
रोकथाम
प्रभावित पशुओं को 2-3 सप्ताह तक स्वस्थ पशुओं से अलग रखें और बीमार पशुओं का उपचार डॉक्टर की सलाह से ही करें।
लेबल पर बताई गई मात्रा के अनुसार ही दवा का प्रयोग करें
ज़रूरत पड़ने पर 14-21 दिनों के बाद फिर से दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है
पशुओं को अच्छी गुणवत्ता वाला संतुलित आहार खिलाएं
शेड साफ रखें
अमितराज, साइपरमेथ्रिन, डेल्टामेथ्रिन, आइवरमेक्टिन, डोरमेक्टिन, मोक्साइडक्टिन दवाइयां असरदार हैं।