विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था PAU, Ludhiana
पंजाब
2020-07-29 13:23:36

PAU's Advisory for farmers

मौसम की भविष्यवाणी — आने वाली 28 जुलाई को पंजाब में कुछ स्थानों पर 29 से 31 तक कई जगहों पर हल्की से दरमियानी बारिश/छींटे पड़ने की संभावना है।

चेतावनी — 29 जुलाई को कहीं कहीं और 30—31 जुलाई को कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। 29—31 तक कहीं कहीं पर गर्ज चमक से छींटे पड़ने का अनुमान है।

अगले दो दिनों का मौसम — कुछ स्थानों पर बारिश/छींटे पड़ने का अनुमान है।

2—8 अगस्त का पूर्वानुमान — पूरे पंजाब में औसतन वर्षा 5.8 मि.ली. होने का अनुमान है जबकि इस सप्ताह साधारण वर्षा भी 5.8 मि.ली. है।

किसानों के लिए मौसम और फसलों की स्थिति— आने वाले दिनों के दौरान किसान भाइयों को मौसम को ध्यान में रखते हुए फसलों को पानी लगाने की सलाह दी जाती है।

खेती फसलें

नरमा — नरमे के खेतों में बाकी आधी नाइट्रोजन खाद फूल शुरू होने के समय डाल दें।

  • नरमे के खेतों के आस पास खरपतवारों की रोकथाम करें ताकि मिलीबग इन खरपतवारों पर अपनी वृद्धि ना कर सके।
  • अपनी फसल का लगातार सर्वेक्षण करें यदि फसल पर फंगस के धब्बों का हमला नज़र आए तो फसल पर 200 मि.ली. एमीस्टार टॉप 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ पर छिड़काव करें।

धान — धान की फसल पर पानी उस समय लगाएं जब पहला पानी जीर्ण को 2 दिन हो गए हों, परंतु ध्यान रहे कि खेत में दरारें ना पड़ें।

  • धान के फसल के तने के पास पत्ते के झुलस रोग के हमले से बचाने के लिए मेड़ों को साफ रखें।
  • इन दिनों में बासमती की किस्में सी एस आर 30, बासमती 370, बासमती 386 और पूसा बासमती 1509 की रोपाई पूरी कर लें।
  • आवश्यकतानुसार यूरिया के प्रयोग के लिए पी ए यू पत्ता रंग चार्ट विधि प्रयोग करें।

कमाद — काले खटमल की रोकथाम के लिए 350 मि.ली. डर्सबान/लीथल/मासबान/गोल्डबान 20 ताकत को 400 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ पर छिड़काव करें। छिड़काव का मुंह पत्तों की गोभ की तरफ रखें।

मक्की — मक्की को नाइट्रोजन की दूसरी किश्त 37 किलो या 25 किलो प्रति एकड़ क्रमवार लंबा और दरमियानी/कम समय लेने वाली किस्मों को फसल को घुटने घुटने होने तक डालें।

  • मक्की के छेदक की रोकथाम के लिए 30 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी को 60 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। इस सुंडी की रोकथाम परजीवी कीड़े ट्राइकोगामा के द्वारा भी की जा सकती है।
  • दानों वाली फसल पर फाल आर्मीवर्म का हमला दिखाई देने पर 0.4 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी क्लोरएंट्रानिलीप्रोल या 0.5 मि.ली. डैलीगेट 11.7 एस सी स्पाइनटोरम या 0.4 ग्राम मिज़ाइल 5 एस जी एमामैक्टिन बैंजोएट प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर छिड़काव करें। 20 दिनों तक की फसल के लिए 120 लीटर घोल प्रति एकड़ प्रयोग करें।

सब्जियां — यह समय गोभी की अगेती किस्मों और बरसात ऋतु कीन फसलों जैसे कि भिंडी और कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे कि घीया कद्दू, घीया तोरी, करेला और टिंडे की बिजाई के लिए अनुकूल है।

  • भिंडी की फसल पर तेले की रोकथाम के लिए 15 दिन के अंतराल पर एक या दो बार 40 मि.ली. कोन्फीडोर 17.8 एस एल इमीडाक्लोप्रिड या 40 ग्राम एक्टारा डब्लयु जी थाइमैथोक्सम को 100—125 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • चल रहा मौसम मिर्च में फलों और टहनियों के गलन रोग की वृद्धि और फैलाव के लिए बहुत अनुकूल है। इस रोग से बचाव के लिए 250 मि.ली.  फॉलीकर या 750 ग्राम इंडोफिल एम 45 या ब्लाईटॉक्स को 250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से 10 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।

बागबानी — अमरूद के फलों को काणे होने सो बचाने के लिए बागों में पी ए यू फ्रूट फ्लाई ट्रैप 16 ट्रैप प्रति एकड़ पर लगाएं।

  • कीटनाशकों , फंगसनाशी या लघु तत्वों  का छिड़काव भी बारिश का अनुमान देखकर करें।
  • इस सप्ताह में बारिश पड़ने की संभावना को देखते हुए नींबू वर्गीय फलों और अमरूदों आदि के पौधों को इन दिनों में पानी ना लगाएं। कीटनाशकों, फंगसनाशी या लघु तत्वों का छिड़काव भी बारिश का अनुमान देखकर ही करें।
  • हवा में काफी नमी और अनुकूल तापमान होने के कारण यह समय नए फलदार पौधे लगाने के लिए अनुकूल है इस समय नींबू वर्गीय फल आम, लीची, पपीता, अमरूद, चीकू, आंवला, जामुन आदि के फलदार पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • बरसात ऋतु के अमरूदों को काणे होने से बचाने के लिए पूरे बड़े पर सख्त हरे फलों को सफेद रंग के नॉन वूवन लिफाफों से ढका जा सकता है।