
द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2020-01-15 11:55:18
PAU experts' suggestions for vegetable farming

सब्जियों की खेती के लिए माहिरों के सुझाव इस प्रकार हैं:
- आलू: वसंत ऋतु के आलुओं की बिजाई इस महीने के दुसरे पखवाड़े में खत्म कर देनी चाहिए। यदि पतझड़ वाली फसल से तैयार किया बीज वसंत के मौसम वाली फसल के लिए प्रयोग करना हो तो बीज का ਸੁੱਤਾਪਣ जगाने के लिए या आलू में ना उगने की शक्ति खत्म करने के लिए आलुओं के छोटे टुकड़े (हर टुकड़े पर दो आँखें ज़रूर हो) बनाकर उन्हें एक प्रतिशत थिओ यूरिया घोल और एक पी पी एम जिब्रेलिक एसिड में एक घंटा डुबोएं। इस उपचार किये हुए बीज को 24 घंटे के लिए छांव में पतली परत में बिछाकर सुखाएं। खरींड रोग से बचाव के लिए वसंत ऋतु आलू के बीज को बिजाई से पहले 83 मिलीलीटर इमिस्टो प्राइम या 250 मिलीलीटर मोनसर्न 100 लीटर पानी में 10 मिनट के लिए डुबोएं। 20 टन देसी रूडी के साथ 75 किलो नाइट्रोजन (165 किलो यूरिया), 25 किलो फास्फोरस (155 किलो सिंगल सुपरफास्फेट) और 25 किलो पोटाश(40 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश) प्रति एकड़ प्रयोग करनी चाहिए। आलुओं की फसल पर अगेते और पिछेते झुलस रोग की रोकथाम के लिए 500-700 ग्राम इंडोफिल एम 45/कवच/मास एम-45/मार्कज़ैब का प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। तेले के हमले को कम करने के लिए 300 मिलीलीटर मैटासिस्टाक्स 25 ताकत को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- प्याज़: जनवरी के पहले पखवाड़े 7-8 सप्ताह पुरानी पनीरी खेत में लगा दें। बिजाई से पहले 20 टन गली सड़ी देसी रूडी, 45 किलो यूरिया खाद, 125 किलो सिंगल सुपर फास्फेट और 35 किलो म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। नदीनों की रोकथाम के लिए घोल 23.5 ताकत 380 मिलीलीटर प्रति एकड़ छिड़काव करके 100 दिनों के बाद गोड़ाई करें। जामनी धब्बों की रोकथाम के लिए फसल पर 300 ग्राम कैविएट या 600 ग्राम इंडोफिल एम-45 को 200 मिलीलीटर ट्रीटेन या अलसी के तेल में मिलाएं। इस घोल को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। दस दिनों के अंतराल पर यह छिड़काव करें।
- अगेती कद्दू जाति की सब्जियां: खरबूजा, तरबूज, कद्दू और हल्वा कद्दू की अगेती फसल लेने के लिए 5 किलो 100 गेज मोटे सफेद लिफाफे 15×10 सेंटीमीटर आकार के लें। इन्हें रूडी की खाद और मिट्टी बराबर मात्रा में डालें। लिफाफे के नीचे छेद करें और यह मिश्रित मिट्टी से भर दें। यह लिफाफे ठंड से बचाकर रखें। जनवरी के अंतिम सप्ताह हर लिफाफे में 2 बीज दबाएं और फुहारे से पानी डालें। इस तरह सभी कद्दू जाति की सब्जियों की अगेती बिजाई की जा सकती है। एक एकड़ पनीरी तैयार करने के लिए 200-500 ग्राम बीज बहुत है।
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