विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2020-07-02 13:38:18

PAU Experts Advisory for Upcoming days

मौसम की भविष्यवाणी—आने वाले 96 घंटों के दौरान पंजाब में कहीं—कहीं और उसके बाद कुछ जगहों पर हल्की से दरमियानी बारिश/छींटे पड़ने का अनुमान है।

चेतावनी — आने वाली 1,3 और 4 जुलाई को कहीं कहीं तेज हवाएं चलने से (हवा की गति 30—40 किलोमीटर प्रति घंटा) गर्ज चमक से छींटे पड़ने का अनुमान है।

अगले दो दिनों का मौसम — कुछ जगहों पर बारिश/छींटे पड़ने का अनुमान है।

किसानों के लिए मौसम और फसलों का स्थिति — किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि इन दिनों में खेती व्यवसाय मौसम को ध्यान में रखकर ही करें।

खेती फसलें —

नरमा— कंघी बूटी और पीली बूटी को मेंड़ों पर से खत्म कर दें। सफेद मक्खी के फैलाव को रोकने के लिए बिजाई से पहले खाली जगहों, सड़कों के किनारों, खालियों की मेड़ें और बेकार पड़ी भूमि में से सफेद मक्खी के परिवर्तित खरपतवार जैसे कि कंघी बूटी, पीली बूटी, धतूरा, भांग आदि को नष्ट कर दें।

  • नरमे के अलावा सफेद मक्खी का हमला अन्य फसलों जैसे कि बैंगन, आलू, टमाटर, मिर्चें, मूंगी आदि पर भी डाला जाता है। इसलिए इन फसलों का लगातार सर्वेक्षण करें।
  • इन दिनों में नरमा पट्टी वाले किसानों को अपने खेतों का सर्वेक्षण करने की सलाह दी जाती है। यदि खेतों में पत्ता मरोड़ विषाणु रोग से प्रभावित पौधे नज़र आएं तो उनकी पुटाई कर दबा दें।

धान— इन दिनों में बासमती की सीधी बिजाई जल्दी से जल्दी पूरी कर लें।

  • इन दिनों में पंजाब बासमती—5, पंजाब बासमती—4, पंजाब बासमती—3, पंजाब बासमती—2, पूसा बासमती 1637, पूसा बासमती 1718 और पूसा 1121 किस्म की रोपाई शुरू कर लें।
  • आवश्यकतानुसार यूरिया के प्रयोग के लिए पी ए यू पत्ता रंग चार्ट विधि प्रयोग करें।
  • बासमती को झंडा रोग से बचाने के लिए बीज को पहले ट्राईकोडर्मा हार्जीएनम फॉर्मूलेशन से 15 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से उपचारित करें। पनीरी की पुटाई कर खेत में लगाने से पहले जड़ों को भी ट्राइकोडर्मा हार्जीएनम फॉर्मूलेशन (15 ग्राम प्रति लीटर पानी) के घोल में 6 घंटे के लिए डुबोकर उपचारित करें।

गन्ना— काले खटमल की रोकथाम के लिए 350 मि.ली. डर्सबान/लीथल/मासबान/गोल्डबान 20 ताकत को 400 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ पर छिड़काव करें। छिड़काव का रूख पत्तों की गोभ की तरफ रखें।

मक्की— मक्की के छेदक की रोकथाम के लिए 30 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी को 60 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। इस सुंडी की रोकथाम परजीवी कीड़े ट्राइकोगामा के द्वारा भी की जा सकती है।

  • दानों वाली फसल पर फाल आर्मीवर्म का हमला दिखाई देने पर 0.4 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी (क्लोरएंट्रानिलीपरोल) या 0.5 मि.ली. डेलीगेट 11.7 एस सी (स्पाइनटोरम) या 0.4 ग्राम मिज़ाइल 5 एस सी (एमामैक्टिन बैंज़ोएट) प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर छिड़काव करें। 20 दिनों तक की फसल के लिए 120 लीटर घोल प्रति एकड़ पर प्रयोग करें। छिड़काव करने के समय स्प्रे पंप की नोज़ल की दिशा मक्की की गोभ की तरफ होनी चाहिए। चारे वाली फसल पर कोराजन 18.5 एस सी को 0.4 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। छिड़काव के उपरांत चारे वाली फसल को 21 दिन तक प्रयोग ना करें।

सब्जियां — यह समय गोभी की अगेती किस्में और बरसात ऋतु की फसलें जैसे कि भिंडी और कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे कि घीया कद्दू, घीया तोरी, करेला और टिंडे की बिजाई के लिए अनुकूल है।

  • भिंडी की फसल पर तेले की रोकथाम के लिए 15 दिन के अंतराल पर एक या दो बार 40 मि.ली. कोन्फीडोर 17.8 एस एल (इमीडाक्लोप्रिड) या 40 ग्राम एक्टारा डब्लयु जी (थाइमैथोक्सम) को 100—125 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

बागबानी — आने वाले दिनों में नींबू वर्गीय फल, आम, नाशपाति, लीची आदि पौधों को पानी मौसम को ध्यान में रखकर लगाएं। कीटनाशकों, फंगसनाशी या लघु तत्वों का छिड़काव भी बारिश का अनुमान देखकर करें।

  • यह समय नए फलदार पौधे लगाने के लिए उनकी योजनाबंदी के लिए बहुत ही अनुकूल है।
  • बरसात ऋतु के अमरूदों को फल की मक्खी के हमले से बचाने के लिए पूरे बड़े लेकिन सख्त हरे फलों को सफेद रंग के नॉन वूवन लिफाफों से ढका जा सकता है।