विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

idea99paddy_crop.jpg
द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-07-27 14:08:45

PAU Experts' advice on paddy crop for August month

धान की फसल को पानी पीने के दो दिनों बाद पानी देना चाहिए पर खेतों में दरारें ना पड़ने दें। यदि नाइट्रोजन की आखिरी किशत नहीं डाली है तो आप 30 किलो यूरिया डालें। यूरिया की खाद पत्ता रंग चार्ट विधि के द्धारा लगानी है तो ये 10 में से 6 पत्ते, पत्ता रंग की टिक्की नंबर. 4 से फिके हो तब ही 25 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालें। सीधी बिजाई वाले धान को यूरिया की दूसरी और तीसरी किशत लगभग 43 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई से 6 और 9 हफ्तों  पर डालें। बहुत कम उपजाऊ जमीनों में सिफारिश मात्रा में जिंक सल्फेट के साथ भी किनारों में जिंक की कमी आ सकती है। ऐसी हालत में 10 किलो जिंक सल्फेट हैपटाहाइड्रेट (21%) या 6.5 किलो जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट (33%) और उतनी मात्रा में सूखी मिट्टी मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से किनारों में डालें फिर इस तत्त की कमी को पूरा किया जा सकता है। रेतली ज़मीनों में आमतौर पर लोहे की कमी आ जाती है। इसे तत्त के प्रभावित पौधों को नए पत्ते शुरू में पीले और बाद में सफेद नज़र आता है इस तत्त की कमी को 1 प्रतिशत फैरस सल्फेट का घोल (1.0 किलो फैरस सल्फेट और 100 लीटर पानी) प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करके पूरा किया जा सकता है। यह छिड़काव 2—3 बार हफ्ते—हफ्ते के फर्क से करें।

अगेते बोये हुऐ धान के पत्ते झुलस रोग के कारण सूखे नज़र आएगे। इस बीमारी का इलाज किसी भी दवाई/जहिर की स्प्रे के साथ नहीं किया जा सकता। ज्यादा नाइट्रोजन खाद डालने और ज्यादा पानी खेत में खड़ा रखना इस बीमारी के बढ़ने में मदद करते है। इस महीने के आखिरी सप्ताह में तने के आस पास झुलस रोग का हमला देखा जा सकता है। इस बीमारी को रोकने के लिए एमीस्टार टोप 325 एस सी 200 मि.ली. या नटीवो 74 डब्लयू जी 80 ग्राम या लस्चर 37.5 एसई 320 मि.ली. या फोलीकर/उरीयस 25 ईसी 200 मि.ली. या बाविस्टन 50 प्रतिशत ताकत 200 ग्राम या टिल्ट/बंपर 25 या मोनसरन 250 एससी को 200 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें खेतों की बट्टों पर घास/नदीनों से साफ रखें। यदि झूठी कंगियारी आने का खतरा हो तो कोसाइड 46 डीएफ 500 ग्राम को 200 लीटर पानी में डालकर जब फसल गोभ में हो तब छिड़काव करें।