द्वारा प्रकाशित किया गया था पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
पंजाब
2019-07-31 17:10:05
PAU agri-experts' advice on green fodder cultivation in August month
फलीदार और गैर फलीदार चारा मिलाकर बीज दीजिये। ऐसा करने से पौष्टिकता बढ़ती है।मक्की+ग्वार लोबिया मिलाकर बिजाई करें। ज़्यादा कटाई वाले चारे की फसल में पानी खड़ा ना रहने दें और 30 किलो नाइट्रोजन (66 किलो यूरिया) प्रति एकड़ कटाई के बाद डालें।मक्की, चरी, बाजरा में इटसिट की रोकथाम के लिए उगने से पहले एटराटाफ 800 ग्राम, 400 ग्राम और 200 ग्राम का प्रति एकड़ के हिसाब से 15 अगस्त से पहले छिड़काव करें क्योंकि इसके बाद बिजाई की जाने वाली फसल पर एटराटाफ का बुरा असर आता है। चारे वाली मक्की दूध वाले दानों की अवस्था में हो, बाजरा जब झंडे की अवस्था में हो, नेपियर बाजरा और गिन्नी घास जब कि एक मीटर ऊँचे हो और चरी जब फूलों की अवस्था पर हो, कटाई कर लीजिये। ऐसा चारा डालने से दूध उत्पादन में वृद्धि होगी। अतिरिक्त चारे का अचार बनाकर चारे की कमी वाले दिनों के लिए रख लीजिये।