गेहूं- इन दिनों में पिछेती बिजाई के लिए कम समय लेने वाली किस्में PBW 752 और PBW 658 की खेती करें। बिजाई के समय 55 किलोग्राम DAP या 155 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट प्रति एकड़ डालें।
गेहूं की फसल में कांगियारी की रोकथाम के लिए 40 किलोग्राम बीज को 13 मिलीलीटर Raxil Easy/Orius (400 मिलीलीटर पानी में मिलाकर) या 40 ग्राम Tebuseed या Seedex or Exzole या 120 ग्राम Vitavax power या 80 ग्राम Vitavax से उपचारित करना चाहिए।
दीमक के हमले वाली ज़मीनों में बीज को 1 ग्राम Cruiser 70 WS या 2 मिलीलीटर Neonix 20 FS या 4 मिलीलीटर Dursban/Ruban/Durmet 20 EC प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें।Neonix के साथ उपचारित किए हुए बीजों को कांगियारी भी नहीं लगती।
किसान भाइयों को समय पर बिजाई किये गए गेहूं को पहला पानी लगाने का सुझाव दिया जाता है। हल्की जमीनों में यह पानी एक सप्ताह पहले देना चाहिए। गेहूं में पहले पानी के साथ 45 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालें।
रेतली जमीनों में गंधक की कमी के कारण ऊपर के नए पत्ते हल्के हरे और फिर पीले पड़ जाते है यदि कि निचले पत्ते हरे ही रहते है।अगर यह निशानियां दिखाई दें तो एक क्विंटल gypsum प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें और हल्की सिंचाई करें।
तेल बीज: यह समय गोभी सरसों और अफ्रीकन सरसों की सीधी बुवाई की तुलना में पनीरी के जरिये फसल के लिए अधिक फायदेमंद है।पनीरी के ज़रिये GSL-1 की बुवाई के लिए 60 दिन और अफ्रीकन सरसों के लिए 30 दिन पुरानी पनीरी ही उपयोग में लेकर आएं और गोभी सरसों की दोगली किस्म Hyola PAC 401 की 35 से 40 दिन पुरानी पनीरी का उपयोग करें।
आने वाले दिनों के दौरान साफ़ मौसम होने की संभावना को देखते हुए तोरी की फसल की सही संभाल के लिए किसान भाइयों को फसल की कटाई खत्म करने की सलाह दी जाती है।