PAU advisory for vegetables and horticulture crops
सब्जियां- यह समय जड़ वाली सब्जियां जैसे कि मूली, गाजर और शलगम की बिजाई के लिए उपयुक्त है। गाजर और मूली का 4 किलो और शलगम का 2 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।
यह समय टमाटर और बैंगन की पनीरी को उखाड़कर खेत में लगाने के लिए उपयुक्त है।
प्याज़ की दोगली किस्म POH-1 और अन्य किस्में जैसे PRO-7, Punjab Naroya, PYO-1 and PWO-2 की पनीरी की बुवाई कर लें।
मटर की बुबाई पूरी कर लें और नदिनों की रोकथाम के लिए गुड़ाई करें।
आलू के वायरस रोग से प्रभावित पौधें खेतों में से उखाड़ कर नष्ट कर दें।
आलू के पिछेती झुलस रोग की रोकथाम के लिए फसल को Indofil M-45/Mass M-45/Markzeb/Antracol/Kavach @ 500 से 700 ग्राम या Copper Oxychloride 50 WP/Mark copper @ 750 से 1000 ग्राम प्रति एकड़ 250 से 350 लीटर पानी मिलाकर प्रति एकड़ बीमारी दिखाई देने से पहले छिड़काव करें। पांच अन्य छिड़काव 7 दिन के अंतराल से करें।
बागवानी- इस समय संतरे की किस्म "Daisy" की तुड़ाई हर हाल में पूरी कर लेनी चाहिए, नहीं तो देरी होने पर इस किस्म में रस सूखने की समस्या बढ़ जाती है।
इस समय ठंड में लगातार वृद्धि हो रही है, इसलिए हमेशा हरे रहने वाले फलदार पौधें जैसे कि आम, पपीता, अमरुद, लीची, नींबू जाति के पौधे खासकर नए लगाए गए पौधे को ठंड से बचाने के लिए प्रयत्न शुरू कर दें।
बेर को पकने से पहले गिरने से रोकने के लिए, NAA (15 ग्राम 500 लीटर पानी) का दूसरा छिड़काव नवंबर के दूसरे पखवाड़े में करें। N.A.A. की आवश्यक मात्रा को पहले 15-20 मिलीलीटर स्प्रिट या अल्कोहल में घोलें और फिर 500 लीटर पानी डालें।