विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

idea99rice_rain_drops-ak.jpg
द्वारा प्रकाशित किया गया था Punjab Agricultural University, Ludhiana
पंजाब
2020-06-24 17:41:35

PAU Advisory for Upcoming days

मौसम की भविष्यवाणी — आने वाली 23 जून को पंजाब में कहीं कहीं,24 को कुछ स्थानों पर, 25—26 को कई स्थानों पर और उसके बाद कहीं कहीं हल्की से दरमियानी बारिश/ बौछार पड़ने का अनुमान है।

चेतावनी — आने वाली 23—25 जून को कहीं कहीं तेज़ हवाएं चलने से (हवा की गति 30—40 किलोमीटर प्रति घंटा) गरज—चमक से छींटे पड़ने का अनुमान है। 24—26 जून को कहीं कहीं बारिश होने का अनुमान है।

अगले दो दिनों का मौसम — कुछ स्थानों पर बारिश/छींटे पड़ने का अनुमान है।

किसानों के लिए मौसम और फसलों का हाल — आने वाले 48 घंटों के दौरान मॉनसून पंजाब में पहुंचने की संभावना है, किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि इन दिनों में धान की रोपाई पूरी कर लें।

खेती फसलें 

नरमा — कंघी बूटी और पीली बूटी को मेंड़ बांधों से खत्म कर दें। सफेद मक्खी के फैलाव को रोकने के लिए बिजाई से पहले खाली जगहों, सड़कों के किनारों, खालियों की मेंड़ और बेकार पड़ी भूमि में से सफेद मक्खी के परिवर्तित खरपतवार जैसे कि कंघी बूटी, पीली बूटी, धतूरा, भांग आदि को नष्ट कर दें।

  • नरमे के अलावा सफेद मक्खी का हमला अन्य फसलों जैसे कि बैंगन, आलू, टमाटर, मिर्चें, मूंगी आदि पर भी पाया जाता है इसलिए इन फसलों का लगातार सर्वेक्षण करें।

धान — धान की पनीरी की रोपाई इन दिनों में पूरी कर लें।

  • धान की रोपाई के 2—3 दिनों के अंदर सिफारिश किए नदीन नाशक का प्रयोग 60 किलो रेत प्रति एकड़ के हिसाब से मिलाकर खड़े पानी में छींटा देकर करें।
  • आवश्यकतानुसार यूरिया के प्रयोग के लिए पी ए यू — पत्ता रंग चार्ट विधि प्रयोग करें।
  • बासमती को झंडा रोग से बचाने के लिए बीज को पहले ट्राइकोडर्मा हार्जीएनम फॉर्मूलेशन से 15 ग्राम प्रति किलो के हिसाब से उपचार करें। पनीरी की पुटाई कर खेत में लगाने से पहले जड़ों को भी ट्राइकोडर्मा हार्जीएनम फॉर्मूलेशन (15 ग्राम प्रति लीटर पानी) के घोल में 6 घंटे के लिए डुबोकर उपचार करें।

गन्ना — काले खटमल की रोकथाम के लिए 350 मि.ली. डर्सबान/लीथल/मासबान/गोल्डबान 20 ताकत को 400 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ पर छिड़काव करें। छिड़काव का मुंह पत्तों की गोभ की तरफ रखें।

मक्की — मक्की के छेदक की रोकथाम के लिए 30 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी को 60 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। इस सुंडी की रोकथाम परजीवी कीड़े ट्राइकोगामा द्वारा की जा सकती है।

  • दानों वाली फसल पर फाल आर्मीवर्म का हमला दिखाई देने पर 0.4 मि.ली. कोराजन 18.5 एस सी (क्लोरएंट्रानिलीप्रोल) या 0.5 मि.ली.डैलीगेट 11.7 एस सी (स्पाइनटोरम) या 0.4 ग्राम मिज़ाइल 5 एस जी (एमामैक्टिन बैंज़ोएट) प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोलकर छिड़काव करें। 20 दिनों तक की फसल के लिए 120 लीटर घोल प्रति एकड़ प्रयोग करें। छिड़काव करने के समय स्प्रे पंप की नोज़ल की दिशा मक्की की गोभ की तरफ होनी चाहिए। चारे वाली फसल पर कोराजन 18.5 एस सी को 0.4 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। छिड़काव के उपरांत चारे वाली फसल को 21 दिन तक प्रयोग ना करें।

सब्जियां — यह समय गोभी की अगेती किस्में और बरसात ऋतु की फसलें जैसे कि भिंडी और कद्दू वर्गीय सब्जियां जैसे कि घीया कद्दू, घीया तोरी, करेला और टिंडे की बिजाई के लिए अनुकूल है।

  • भिंडी की फसल पर तेले की रोकथाम के लिए 15 दिन के अंतराल पर एक या दो बार 40 मि.ली. कोन्फीडोर 17.8 एस एल (इमीडाक्लोप्रिड) या 40 ग्राम एक्टारा डब्लयु जी (थाइमैथोक्सम) को 100—125 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

बागबानी — आने वाले 48 घंटों में मॉनसून पहुंचने की संभावना को देखते हुए नींबू वर्गीय फल, आम, नाशपाति, लीची आदि पौधों को इन दिनों में पानी ना लगाएं।

  • अच्छी वृद्धि के लिए अमरूद के पौधों को रासायनिक खादों की पहली किश्त डालें।
  • अमरूद के बागों की इस समय जोताई कर दें ताकि बाग खरपतवार मुक्त हो सके और फल की मक्खी का हमला कम हो सके। बरसात ऋतु के अमरूदों को फल की मक्खी के हमले से बचाने के लिए पूरे बड़े पर सख्त हरे फलों को इस समय में सफेद रंग के नॉन वूवन लिफाफों से ढका जा सकता है।