विशेषज्ञ सलाहकार विवरण

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द्वारा प्रकाशित किया गया था PAU, Ludhiana
पंजाब
2020-08-27 15:09:05

PAU Advisory for Rice Crop

धान: धान की फसल में पानी उस समय लगाएं जब पहला पानी दिए हुए 2 दिन हो चुके हो, परन्तु ख्याल रखें खेतों में दराड़ न पड़े।  

  • तना छेदक: इस तरह के कीड़ों की सुंडियां फसल के तने में चली जाती हैं और नुक्सान करती हैं। जिसके फलस्वरूप पेड़ों की गोभ सूख जाती हैं, बालियों में दाने नहीं बनते और बालियां सफ़ेद रंग की हो जाती है। जिन खेतों में इस कीड़े का हमला 5 प्रतिशत सूखी गोभ पर अधिक हो तो वहां 20 मिलीलीटर फेम 480 SC (flubendiamide) और 170 ग्राम Mortar 75 SG (cartap hydrochloride) और 1 लीटर Coroban/Dursban/Lethal/Chlorguard/Durmet/Classic/ Force 20 EC (chlorpyriphos) प्रति एकड़ का छिड़काव 100 लीटर पानी में घोलकर करना चाहिए, जरूरत पड़ने पर छिड़काव दोबारा करें।
  • धान की फसल के तने के नज़दीक पत्तों को झुलस रोग से बचाने के लिए मेड को साफ़ रखें।बीमारी नज़र आने पर @80 ग्राम Nativo और Amitsar Top/Tilt/Folicur/Pikapika@200 मिलीलीटर को 200  लीटर पानी में घोल कर जड़ों की तरफ डालें।झूठी कांगियारी पर काबू पाने के लिए जब फसल गोभ पर हो, 500 ग्राम Kocide को 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
  • बासमती को यूरिया दो बराबर किश्तों में बाँटकर बिजाई से 3 और 6 सप्ताह के बाद डालें।
  • झंडा रोग से प्रभावित बासमती के पेड़ों को खेतों में से उखाड़कर दबा दें।