पालक- पालक की पंजाब गरीन किस्म का 4 से 6 किलो बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डालें। बीज को कतारों के बीच में 20 सेंटीमीटर का फासला रख कर 3 से 4 सेंटीमीटर गहरा वतर ज़मीन में बुवाई करें।
फूलगोभी और अन्य गोभी की फसलें- 55 किलो यूरिया, 155 किलो सिंगल सुपरफास्फेट और 40 किलो मयूरेट ऑफ पोटाष खाद प्रति एकड़ डालें, बाकी की 55 किलो यूरिया पनीरी लगाने से 4 सप्ताह के बाद डालें। फिर मेड़ों पर 4 से 6 सप्ताह की गोभी की पनीरी लगा दें। पिछेती गोभी के लिए पूसा स्नोबाल के-1/ पूसा स्नोबाल-1 किस्म का 250 ग्राम बीज एक मरले में एक एकड़ की पनीरी तैयार करने के लिए बुवाई करें।
लहसुन- इस महीने के दूसरे पखवाड़े में गली सड़ी रूडी की खाद 20 टन प्रति एकड़ डालकर अच्छी तरह से मिटटी में मिला दें। फसल को 40 किलो यूरिया और 155 किलो सिंगल सुपरफास्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से बिजाई के समय डालें। लहसुन 225 से 250 किलो मेड पर लगा दें। कतारों का फासला 15 सेंटीमीटर और पौधों का फासला 7.5 सेंटीमीटर होना चाहिए। बिजाई के तुरंत बाद पानी डालें।