मौसमी फूल- सर्दी वाले मौसमी फूलों की पनीरी तैयार करने के लिए बीज उभरती कियारियों में बोये जा सकते हैं। बीज की बिजाई के तुरंत बाद हल्का पानी डालें। इसके बाद रोज़ाना सुबह या शाम पानी जरूर डालें। जिन फूलों के बीज बहुत सख्त होते हैं जैसे कि सजावटी मटर, इनको पानी में एक रात भिगोकर बाद में सीधे ही कियारी में लगाया जा सकता है।
घास का मैदान- घास काटने वाली मशीन के ब्लेड नीचे कर दें ताकि घास को नीचे से काटा जा सकें। यदि लॉन हरा भरा नहीं है तो आधा किलो यूरिया प्रति 1000 वर्ग फ़ीट के हिसाब से पानी लगाए।
गुलदाउदी- बारिश का पानी गुलदाउदी के गमलों में खड़ने न दें। पौधों की छंटाई करते रहें। स्टैंडर्ड किस्मों में डिसबंडिंग करते रहे ताकि बड़े आकार का फूल हासिल किया जा सके।
गुलाब- महीने के दूसरे पखवाड़े में पानी न दें ताकि पौधों को कांट छांट के लिए तैयार किया जा सके। इस महीने के अंतिम सप्ताह में कांट-छांट शुरू की जा सकती है, जो अक्तूबर के पहले पखवाड़े तक जारी रहती है। तेज़ धार कटर से कांट-छांट करें। कटाई के बाद टहनियों के ऊपर उल्लीनाशक लगा दें।
गेंदा- सर्दियों वाले गेंदे की फसल लेने के लिए पनीरी की बिजाई कर दें।
गेंदा और अन्य गाँठ वाली फसलें- गेंदा की गांठों की बिजाई के लिए यह बहुत ही उचित समय है। बिजाई 15 दिन के अंतराल पर करें ताकि फूलों की पैदावार लंबे समय तक मिल सके। खेतीवाड़ी यूनिवर्सिटी की तरफ से विकसित किस्मों की बिजाई करें। नरगिस, फ़रीज़िया आदि की गांठों की बिजाई भी की जा सकती है। डबल डेलिया के पौधे कलमों और गांठों के इस महीने में बढ़ाये जा सकते हैं।